Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर के जरिये भारत ने अपनी धरती पर हुए आतंकी हमले का जवाब देने का काम किया है. भारतीय सेना ने सटीकता, सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ आतंकी ठिकानों पर हमला कर इतिहास लिख दिया है. भारतीय सेना के हमले में किसी नागरिक को नुकसान नहीं हुआ और सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. यह कार्रवाई, बेहद सोच-समझकर, सधे हुए तरीके से की गयी.आतंकियों के हौसले पस्त करने के मकसद से उनके कैंप और इंफ्रास्ट्रक्चर को तबाह करने का काम किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना ने आतंकियों को करारा जवाब देने का काम किया है.
दिल्ली के मॉनेकशॉ सेंटर में सीमा सड़क संगठन के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया ने देखा कि भारतीय सेना क्या कर सकती है. भारतीय सेना ने आतंकियों के ठिकानों पर सटीक हमला किया, ताकि उनके हौसले को कमजोर किया जा सके. पूरे देश को सेना के इस कार्रवाई पर गर्व है. भारत ने हमलों के जवाब में अपना ‘राइट टू रिस्पॉन्स’ का प्रयोग किया.
महत्वपूर्ण परियोजनाएं देश को किया समर्पित
कार्यक्रम के दौरान 50 सामरिक तौर पर महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट राष्ट्र को समर्पित किया गया. इसमें 30 पुल, 17 सड़क और तीन अन्य प्रोजेक्ट है. इन प्रोजेक्ट के निर्माण पर 1879 करोड़ रुपये खर्च हुआ है. यह प्रोजेक्ट जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, मिजोरम, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में है. इसके निर्माण से राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती मिलेगी. पिछले दो साल में सीमा सड़क संगठन ने 5600 करोड़ रुपये की लागत से 161 प्रोजेक्ट का काम पूरा किया है. पिछले चार साल में 13743 करोड़ रुपये की लागत से 456 प्रोजेक्ट को पूरा किया गया है.
सुरक्षा तैयारी को मिलेगी मजबूती
रक्षा मंत्री ने कहा कि सीमा सड़क संगठन के प्रोजेक्ट पूरा होने से इलाकों में कनेक्टिविटी बेहतर होगी और आर्थिक विकास तेज होगा. साथ ही सुरक्षा तैयारी को मजबूती मिलने के साथ इलाके में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगी. यह सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि भविष्य का रास्ता तैयार करने में मदद करेगा. मौजूदा समय में देश की आधुनिक सुरक्षा क्षमता सिर्फ हथियारों से नहीं बल्कि इंफ्रास्ट्रक्चर से भी तय होती है. अगर देश में इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर नहीं होगा तो समय पर हथियारों की तैनाती भी नहीं हो सकेगी. सीमा सड़क संगठन सेना की हर जरूरत को पूरा करने के काम में जुटा हुआ है.