Innovation: देश में नयी तकनीक के विकास को लेकर सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. सरकार निजी क्षेत्र को नयी तकनीक के विकास के लिए हर स्तर पर मदद मुहैया करा रही है. सरकार की कोशिश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित इनोवेशन, डीप टेक स्टार्टअप और विभिन्न क्षेत्रों में रिसर्च को बढ़ावा देकर भारत को आत्मनिर्भर बनाने की है. सोमवार को केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के समीक्षा की अध्यक्षता की. बैठक में राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एएनआरएफ) की भूमिका के साथ-साथ रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के अन्य पहल की समीक्षा की गयी.
केंद्रीय मंत्री ने एएनआरएफ के नवनियुक्त सीईओ प्रोफेसर अभय करंदीकर, डॉक्टर शिवकुमार कल्याणरमन और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की. बैठक के दौरान डॉक्टर कल्याणरमन ने एएनआरएफ के लिए एक महत्वाकांक्षी रोडमैप पेश किया, जिसमें वित्तीय सहायता, निजी उद्योग के साथ भागीदारी बढ़ाने, राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन (एनएसएफ) और डीएआरपीए जैसे विश्व स्तर पर सफल संस्थानों के मॉडल पर आधारित मॉडल को लागू करने पर जोर दिया गया. एएनआरएफ तकनीक आधारित छोटे व्यवसाय कार्यक्रम शुरू करने की तैयारी कर रहा है, जो स्टार्टअप और एमएसएमई को तकनीकी तौर पर सशक्त बनाने का काम करेगा.
वैश्विक स्तर के मानक रिसर्च को मिलेगा बढ़ावा
एएनआरएफ के तहत मिले फंड के तहत क्लाउड ऑफ रिसर्च एंड इनोवेशन इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने की योजना है. इसके तहत डीप-टेक स्टार्टअप और शैक्षणिक संस्थानों को देशभर में कम इस्तेमाल किए जाने वाले वैज्ञानिक उपकरणों और सुविधाओं तक पहुंच प्रदान करने में मदद करेगा. ताकि संस्थानों में रिसर्च के काम को बढ़ाया जा सके. इस दौरान एएनआरएफ की एआई-फॉर-साइंस पहल को आगे बढ़ाने के उपायों पर मंथन किया गया. इस पहल का मकसद जटिल वैज्ञानिक समीकरणों को मॉडल करने के लिए मशीन लर्निंग का उपयोग करके भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान में खोजों को गति देने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग करना है.
बैठक में जितेन्द्र सिंह ने कुछ चुनिंदा परियोजनाओं को शुरू करने और निकट भविष्य में ठोस परिणाम दिखाने का निर्देश दिया. उन्होंने सीईओ को एएनआरएफ मिशन और सहयोग के अवसरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपतियों के साथ जुड़ने के लिए कदम उठाने के साथ ही मेडिकल कॉलेजों को अपने स्वयं के मेडिकल रिसर्च पार्क स्थापित करने में मदद करने की संभावना तलाशने, बायोटेक उद्यमिता को बढ़ावा देने को कहा. मंत्री ने जलवायु पूर्वानुमान, भौतिक विज्ञान, एयरोस्पेस, जैव रसायन और औषधि विकास सहित राष्ट्रीय प्रासंगिकता के प्रमुख क्षेत्रों को प्राथमिकता देने को कहा.