Panchayati Raj: देश के ग्राम पंचायतों को प्रभावित करने करने वाले मुद्दों को सामने लाने के लिए केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय की ओर से नये कदम उठाए जा रहे हैं. पंचायत स्तर पर मुखिया पति और अन्य कमियों को दूर करने के लिए विभिन्न माध्यम से लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है. पंचायती राज मंत्रालय ने इसके लिए ‘फुलेरा का पंचायती राज’ की तीसरी और अंतिम फिल्म ‘अल्हुआ विकास’ जारी कर लोगों को उत्साहित करने का काम किया है. देश भर में ग्राम पंचायतों को प्रभावित करने वाले मुद्दों के बारे में लोगों को जागरूक करने में यह पहल काफी कारगर साबित हो रही है. तीसरा और अंतिम एपिसोड पहले राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 24 अप्रैल को जारी किया गया था और अब तक इसे 60 लाख से अधिक बार देखा गया है.
यूट्यूब पर भी लोग इसे खूब पसंद कर रहे हैं. ‘अल्हुआ विकास’ ग्रामीण स्थानीय निकायों द्वारा राजस्व के अपने स्रोत उत्पन्न करने पर जोर देता है. साथ ही ग्रामीण भारत में पंचायती राज संस्थाओं की आत्मनिर्भरता को मजबूत करने में मदद करता है. यह फिल्म स्थानीय करों के समय पर भुगतान करने के लिए नागरिकों को जागरूक करने के लिए प्रोत्साहित करती है. साथ ही यह बताया गया है कि लोगों के तय समय में कर भुगतान करने से बेहतर सेवा वितरण और गांव का विकास कैसे संभव होता है.
फिल्म पंचायत से ग्रामीण स्तर पर जागरूकता फैलाने का हो रहा है प्रयास
फिल्म पंचायत में फुलेरा ग्राम पंचायत की कहानी लोगों को खूब पसंद आयी. हस फिल्म में पंचायत स्तर पर कमियों को बेहद सधे अंदाज में लोगों को सामने लाने का प्रयास किया गया. मुखिया पति की प्रथा को भी सामने लाया गया. सरकार मुखिया पति प्रथा को खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाया है. फिल्म को देखते हुए जमीनी स्तर लोगों को जागरूक करने के लिए फुलेरा का पंचायत नाम से तीन सीरीज को मंत्रालय की ओर जारी किया गया.
इस फिल्म में नीना गुप्ता, फैसल मलिक, चंदन रॉय, दुर्गेश कुमार और मूल ‘पंचायत’ कलाकारों समेत कई अन्य प्रसिद्ध कलाकार शामिल हैं. फिल्म के जरिये बताया गया है कि स्थानीय नागरिकों द्वारा कर का समय पर भुगतान करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए ‘जमा करके कर, बनाइये अपनी पंचायत को आत्मनिर्भर’ संदेश पर जोर का संदेश काफी प्रभावित किया है. राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पंचायतों को राजस्व के अपने स्रोत जुटाने में आत्मनिर्भरता के क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देने के लिए पुरस्कार प्रदान करने के साथ शुरू हुई.
ग्रामीण स्थानीय निकायों को आर्थिक रूप से सबल और ‘आत्मनिर्भर’ बनाने की दिशा में मंत्रालय के प्रयास और पहल को फिल्म के जरिये लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की गयी है. पंचायती राज मंत्रालय का ग्राम पंचायतों को सशक्त बनाना है. पंचायती राज संस्थाओं को वित्तीय रूप से टिकाऊ और ग्रामीण भारत में जमीनी स्तर पर शासन की आत्मनिर्भर संस्थाएं बनाने के लिए पंचायतों का आर्थिक तौर पर सशक्त होना बेहद जरूरी है.