Delhi Govt: दिल्ली में भाजपा सरकार बनने के बाद आयुष्मान योजना के साथ ही बुर्जुगों के लिए शुरू की गयी प्रधानमंत्री वय वंदना योजना भी लागू हो चुकी है. शनिवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने वय वंदना योजना के तहत पंजीकरण के लिए मोबाइल पंजीकरण अभियान की शुरुआत की. दिल्ली में 70 साल या उससे अधिक उम्र के 28000 से अधिक बुजुर्गों का पंजीकरण हो चुका है. इस योजना के तहत केंद्र सरकार की ओर से 5 लाख और 5 लाख रुपये की मदद दिल्ली सरकार देगी. आरके पुरम विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत पंजीकरण के लिए मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले 70 दिनों में दिल्ली की सभी 70 विधानसभा क्षेत्र में बुर्जुगों के पंजीकरण के लिए मोबाइल वैन मिल जायेगा.
यह वाहन दिल्ली के सभी बुर्जुगों के पास पहुंचकर पंजीकरण कराने का काम करेगा. रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने वालों को सिर्फ आधार कार्ड और मोबाइल फोन ले जाना होगा, अन्य किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी. दिल्ली सरकार योजना के तहत दिल्ली के सभी पात्र बुजुर्ग का पंजीकरण सुनिश्चित करेगी, क्योंकि उनका आशीर्वाद महत्वपूर्ण है. वय वंदना न केवल देश में बल्कि पूरे विश्व में एक अनूठी योजना है. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कुछ बुजुर्ग लाभार्थियों को आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड भी दिया. इस दौरान दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और स्थानीय विधायक अनिल शर्मा मौजूद रहे.
आप सरकार ने दिल्ली के लोगों के साथ किया खिलवाड़
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व की आम आदमी पार्टी की सरकार ने राजनीतिक फायदे के लिए अरविंद केजरीवाल ने केंद्र की इस योजना को दिल्ली में लागू होने नहीं दिया. इससे दिल्ली के लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा. लेकिन दिल्ली के लोगों ने भाजपा सरकार को मौका देने का काम किया और अब दिल्ली के हर नागरिक को मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी. यह योजना दिल्ली में 28 अप्रैल को लागू की गयी थी. गौरतलब है कि आयुष्मान योजना लागू नहीं करने के आप सरकार के फैसले को भाजपा ने बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था. भाजपा का आरोप था कि दिल्ली के लोगों को आप सरकार जानबूझकर इस योजना के लाभ से वंचित करना चाहती है. ताकि दिल्ली के लोगों को इस योजना के लाभ का पता नहीं चल सके.
इस मुद्दे पर भाजपा ने हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल की थी. हाईकोर्ट ने आप सरकार को फटकार लगाते हुए आप सरकार को इस योजना को लागू करने का आदेश दिया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी. भाजपा सरकार बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस ले ली गयी और केंद्र सरकार के साथ करार के बाद योजना को लागू कर दिया गया.