एयर इंडिया ने जताई बड़ी आशंका, नहीं खुला पाकिस्तानी एयरस्पेस तो हो जाएगा 600 मिलियन डॉलर का नुकसान |Pahalgam Attack
Pahalgam Attack: पहलगाम हमले के बाद से ही पाकिस्तान ने भारत के लिए एयरस्पेस बंद कर रखा है. देश की राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया ने अनुमान लगाया है कि अगर पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र को एक साल के लिए बंद कर दिया गया तो उसे 600 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 5,081 करोड़) का नुकसान होगा और इस स्थिति से निपटने के लिए वित्तीय सहायता का सुझाव दिया है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया पिछले हफ़्ते पहलगाम आतंकी हमले के बाद पड़ोसी देश के खिलाफ भारत के कूटनीतिक उपायों के जवाब में पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र को भारतीय एयरलाइनों के लिए बंद कर दिया गया था.
सूत्रों ने बताया कि एयर इंडिया, इंडिगो और स्पाइसजेट समेत कई एयरलाइनों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र को बंद करने के प्रभाव पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय को अपने इनपुट और सुझाव दिए हैं. इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी. उन्होंने बताया कि मंत्रालय स्थिति का आकलन कर रहा है और इस मुद्दे को हल करने के लिए संभावित समाधानों पर विचार कर रहा है.
हाल ही में हुई थी इस मुद्दे पर चर्चा
मंत्रालय ने हाल ही में पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र को बंद करने के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए विभिन्न एयरलाइनों के साथ बैठक की और स्थिति से निपटने के लिए उनके सुझाव मांगे. पाकिस्तान ने 24 अप्रैल को भारतीय एयरलाइनों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया था.
एयरस्पेस बंद होने से होगा 600 मिलियन डॉलर का नुकसान
सूत्रों ने बताया कि एयर इंडिया ने अनुमान लगाया है कि अगर एक साल के लिए एयरस्पेस बंद किया जाता है तो अतिरिक्त खर्च करीब 600 मिलियन अमेरिकी डॉलर होगा। एक सूत्र ने बताया कि एयरलाइन वैकल्पिक मार्गों सहित विभिन्न उपायों पर विचार कर रही है, जिससे लागत कम करने में मदद मिलेगी.
उत्तर भारतीय शहरों से संचालित होने वाली अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए अतिरिक्त साप्ताहिक खर्च 77 करोड़ रुपये होने की संभावना है क्योंकि हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध के कारण ईंधन की खपत बढ़ जाती है और उड़ान की अवधि भी लंबी हो जाती है. पीटीआई द्वारा विदेशी उड़ानों की संख्या और बढ़ी हुई उड़ान अवधि तथा अनुमानित व्यय के आधार पर की गई गणना के विश्लेषण से पता चला है कि भारतीय एयरलाइनों के लिए अतिरिक्त मासिक परिचालन लागत 306 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है.