पाकिस्तानी लोगों को भारत से वापस भेजने के फैसले पर महबूबा मुफ्ती का बड़ा बयान, कहा- ‘कई वर्षों से यहां रह रहे…’
Mehbooba Mufti on Pakistani citizens: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तानियों को वापस भेजने के फैसले पर बयान दिया है. उन्होंने मंगलवार को सरकार से वैसे पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने के फैसले पर पुनर्विचार करने की गुजारिश की है, जिन्होंने भारतीयों से शादी की है और कई वर्षों से यहां रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनके बारे में एक बार विचार करें. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके लिए एक सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है.
मुफ्ती ने एक्स पर पोस्ट कर कही यह बात
महबूबा मुफ्ती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा “हाल ही में भारत से सभी पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने के सरकारी निर्देश ने गंभीर मानवीय चिंताएं पैदा की हैं, खास तौर पर जम्मू कश्मीर में. इससे प्रभावित होने वाली कई महिलाएं हैं, जो 30 से 40 साल पहले भारत आई थीं, भारतीय नागरिकों से शादी की, परिवार बसाया और लंबे समय से हमारे समाज का हिस्सा रही हैं.” उन्होंने कहा कि दशकों से भारत में शांतिपूर्वक रह रहे लोगों को निर्वासित करना अमानवीय होगा और इससे उनके परिवारों पर गहरा भावनात्मक संकट आएगा.
भारत सरकार से किया आग्रह
महबूबा मुफ्ती ने कहा “हम सरकार से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने तथा महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह करते हैं.” पूर्व आतंकवादियों से विवाहित कई पाकिस्तानी महिलाएं 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की नीति के तहत कश्मीर आ गईं. इस नीति के तहत उन आतंकवादियों का पुनर्वास संभव हुआ, जो हथियार प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान या पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर गए थे, लेकिन हिंसा का त्याग कर घाटी में वापस लौटना चाहते थे.
बीजेपी नेता ने की महबूबा के बयान की निंदा
इधर, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के बयान पर बीजेपी नेता गौरव गुप्ता ने कहा “पूर्व मुख्यमंत्री ने आज फिर जो बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि जिन लोगों के घर तोड़े जा रहे हैं, उन सभी को किसी न किसी तरह से सहानुभूति दिखाने की जरूरत है, यह आज उनके दोहरे चरित्र को स्पष्ट रूप से दर्शाता है. आज जहां देश शोक में है. इस तरह के बयान देने पर महबूबा मुफ्ती को शर्म आनी चाहिए. ऐसे बयान सुनने के बाद कहीं न कहीं आज हम सभी आहत हैं. आज जब सुरक्षाबलों के साथ खड़े होने का समय आ गया है, पूरे देश के साथ खड़े होने का समय आ गया है, तो उनकी तरफ से इस तरह का बेतुका बयान हम सभी को पूरी तरह से अस्वीकार्य है और मैं इसकी निंदा करता हूं.’
भारत सरकार ने क्यों लिया यह फैसला?
22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद केंद्र सरकार ने सिंधु जल संधि निलंबित करने के साथ-साथ पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सभी वीजा सेवाओं को रद्द कर दिया है. आतंकी हमले में 26 नागरिक मारे गए थे, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे.