Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले के कसूरवारों की खैर नहीं है. हमले की जांच का जिम्मा एनआईए ने अपने हाथ में ले लिया है. NIA लगातार प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ कर रही है. इसके अलावा एनआईए की टीम आतंकवादियों के बारे में सुराग हासिल करने के लिए उनके प्रवेश और जाने वाले जगहों की गहन जांच कर रही हैं. इस काम के लिए एनआईए फॉरेंसिक समेत अन्य विशेषज्ञों की मदद भी ले रही है. टीम आतंकवादी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए सबूत जुटाने में लगी है. न्यूज चैनल आजतक के मुताबिक एनआईए की टीम को ऐसा गवाह मिला है जो हमले के दौरान एक पेड़ पर चढ़कर पूरे आतंकी हमले को रिकॉर्ड कर लिया है. एनआईए का कहना है कि इससे आतंकियों के बारे में अहम सुराग मिल सकते हैं.
क्या है रिकॉर्डिंग में ?
न्यूज चैनल आजतक के मुताबिक, जो रिकॉर्डिंग में उसके अनुसार हमले से कुछ समय पहले दो आतंकवादी दुकानों के पीछे छिपे हुए थे. इसके बाद आतंकी बाहर आए, आतंकियों ने लोगों से कलमा पढ़ने को कहा, अचानक से गोलीबारी शुरू कर दी. हमले में चार लोगों को मौके पर ही मौत हो गई. पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल हो गया. लोग डरकर इधर-उधर भागने लगे. इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई. आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है.
गृह मंत्रालय के आदेश पर एनआईए की टीम कर रही है जांच
अधिकारियों ने बताया कि एनआईए की टीम हमला स्थल पर बुधवार से ही डेरा डाले हुए हैं. टीम सबूतों की तलाश में तेजी से जुटी हुई है. एनआईए ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद पहलगाम आतंकवादी हमले के मामले की जांच अपने हाथ में लिया है. NIA की टीमें चश्मदीदों से लगातार पूछताछ कर रही हैं. उनसे मिली जानकारी को इकट्ठा कर टीम एक नतीजे पर पहुंचने की कोशिश में जुटी हुई है. कश्मीर के बैसरन घाटी में हुए इस आतंकी को पुलवामा हमले के बाद का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है.
केंद्र को सावधानी से कदम उठाना चाहिए- महबूबा
जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी तंत्र के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों की ओर से बड़े पैमाने पर अभियान शुरू करने के बीच पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती का बड़ा बयान सामने आया है. मुफ्ती महबूबा ने रविवार को कहा कि केंद्र को सावधानी से कदम उठाना चाहिए ताकि निर्दोष लोगों को इसका खामियाजा न भुगतना पड़े. सोशल मीडिया एक्स पर मुफ्ती ने कहा “भारत सरकार को हाल में पहलगाम हमले के बाद सावधानी से काम लेना चाहिए और आतंकवादियों तथा नागरिकों के बीच अंतर करना चाहिए.” उन्होंने कहा कि सरकार को यह ध्यान रखना चाहिये किे आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान निर्दोष लोगों, खासकर आतंकवाद का विरोध करने वाले किसी भी तरह से प्रभावित न हों.
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