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अगले साल तक देश को खसरा और रूबेला मुक्त बनाने का अभियान हुआ शुरू



Health: केंद्र सरकार अगले साल तक देश को खसरा और रूबेला मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस कड़ी में गुरुवार को विश्व टीकाकरण सप्ताह (24-30 अप्रैल) का शुभारंभ किया गया. इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने समुदायों में जागरूकता पैदा करने के लिए बहुभाषी एमआर आईईसी सामग्री (पोस्टर, रेडियो जिंगल, एमआर उन्मूलन और आधिकारिक यू-विन शुभारंभ फिल्म) जारी किया. इन प्रचार सामग्रियों को एमआर उन्मूलन अभियान 2025-26 के दौरान जारी करने के लिए सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा किया. नड्डा ने कहा कि खसरा-रूबेला उन्मूलन अभियान 2025-26 का शुभारंभ एक महत्वपूर्ण मौका है.

बच्चों को खसरा और रूबेला के टीके की दो खुराक देकर 100 फीसदी टीकाकरण कवरेज कर उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली जीवनशैली मुहैया कराने का काम किया जायेगा. अत्यधिक संक्रामक होने के कारण यह रोग न केवल बच्चों के जीवन को बाधित करता है, बल्कि माता-पिता के लिए भी दुख का कारण बनता है. उन्होंने वर्ष 2024 में मीजल्स एंड रूबेला पार्टनरशिप द्वारा प्रतिष्ठित मीजल्स एंड रूबेला चैंपियन पुरस्कार प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को बधाई देते हुए कहा कि जनवरी-मार्च 2025 के दौरान देश के 332 जिलों में खसरे का कोई मामला सामने नहीं आया और 487 जिलों में रूबेला का कोई मामला सामने नहीं आया. यह एमआर उन्मूलन के लक्ष्य में प्राप्त की गई प्रगति को रेखांकित करता है. 

जनभागीदारी से रोग का उन्मूलन है संभव

नड्डा ने कहा कि एमआर के उन्मूलन को उसी तरह हासिल करना होगा जिस तरह पोलियो और मातृ एवं नवजात टिटनेस उन्‍मूलन का लक्ष्य हासिल किया गया. सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सतर्क और सक्रिय रहने और ‘एक्ट नाउ’ नीति के साथ काम करने का आग्रह किया. राज्य के मंत्रियों और मुख्य स्वास्थ्य अधिकारियों से सार्वजनिक और प्रेस बैठकें आयोजित करने का भी आग्रह किया, जहां बड़े स्तर पर लोगों को सक्रिय जनभागीदारी के माध्यम से टीकाकरण अभियान के बारे में जानकारी दी जा सके. राज्यों से खसरा और रूबेला के खिलाफ टीकाकरण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए सभी विधायकों, सांसदों, स्थानीय और पंचायत प्रमुखों की समावेशी भागीदारी का भी आह्वान किया. 100 फीसदी कवरेज सुनिश्चित करने के लिए अंतिम छोर पर रहने वाले लोगों तक पहुंचने और संबंधित मंत्रालयों के साथ समन्वय की आवश्यकता बढ़ाने की बात कही.

वर्ष 2024 में भारत में वर्ष 2023 की तुलना में खसरे के मामलों में 73 फीसदी और रूबेला के मामलों में 17 फीसदी की कमी आयी है. कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव और आईसीएमआर के महानिदेशक डॉक्टर राजीव बहल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में अपर सचिव और मिशन निदेशक (एनएचएम) आराधना पटनायक, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव मीरा श्रीवास्तव, अपर आयुक्त (टीकाकरण), अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य), मिशन निदेशक (एनएचएम) और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्य टीकाकरण अधिकारी शामिल हुए.