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यमुना की सफाई पर पीएम मोदी ने की हाई लेवल मीटिंग, रोडमैप तैयार, तीन चरणों में होगा कायाकल्प



PM Modi Meeting: यमुना की सफाई पर पीएम मोदी ने गुरुवार को हाई लेवल मीटिंग की. बैठक में यमुना पुनरुद्धार पर चर्चा की गई. समीक्षा बैठक में जन भागीदारी और अत्यधिक प्रदूषित नदी के पुनर्जीवन के लिए तात्कालिक आंकड़ों के इस्तेमाल और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे उपायों पर भी बातचीत हुई. बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता समेत कई अधिकारी शामिल हुए. बैठक में यमुना की सफाई के लिए तीन चरणों में रोडमैप पर चर्चा की गई. पीएम मोदी ने बैठक में कहा कि छठ पूजा का त्योहार मनाते समय दिल्ली के लोगों के अनुभव में सुधार होना चाहिए. उन्होंने नदी के प्रति सम्मान पैदा करने और इसे यमुना के किनारे बसे शहरों में रहने वाले लोगों के जीवन का हिस्सा बनाने के लिए लोगों और नदी के बीच संबंध बनाने की जरूरत पर जोर दिया.

तीन चरणों में सफाई पर चर्चा

सीएमओ दिल्ली की ओर से बचाया गया कि बैठक में तीन चरणों में यमुना नदी की सफाई करने पर चर्चा हुई. अल्पकालिक गतिविधियां 3 महीने में, मध्यम अवधि की गतिविधियां 3 महीने से डेढ़ साल और दीर्घकालिक गतिविधियां डेढ़ साल लेकर 3 साल. इस दौरान ड्रेन मैनेजमेंट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, सीवेज मैनेजमेंट, सेप्टेज और डेयरी वेस्ट मैनेजमेंट, इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट, अपशिष्ट जल उपचार बुनियादी ढांचे की कमी की पहचान और निगरानी उपाय, यमुना नदी में प्रवाह में सुधार, बाढ़ के मैदानों की सुरक्षा, ग्रीन रिवर फ्रंट डेवलपमेंट और पब्लिक आउटरीच सभी पर तय समय सीमा के साथ चर्चा की गई.

बैठक में जन भागीदारी आंदोलन पर जोर

यमुना के पुनरुद्धार के लिए स्वयंसेवकों की भर्ती और नदी के आसपास सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करके जन भागीदारी आंदोलन बढ़ाने पर जोर दिया गया. सीएमओ के बयान में कहा गया कि दिल्ली के अलावा, ब्रज के आसपास के सांस्कृतिक रूप से समृद्ध क्षेत्र पर भी विशेष ध्यान दिया जा सकता है, जिससे ब्रज यात्रा नदी-जन आंदोलन का हिस्सा बन सके. बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सलाह दी कि नालों में प्रवाह को मापने के साथ-साथ जलमल शोधन संयंत्रों के कामकाज पर निगरानी के लिए सूक्ष्म स्तर के तात्कालिक आंकड़ों को इकट्ठा करने के लिए सर्वोत्तम उपलब्ध तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए. पीएम मोदी ने कहा कि प्रदूषण निवारण ढांचे की आगे की योजना और कार्यान्वयन इन आंकड़ों पर आधारित होना चाहिए. बैठक में हरियाणा, दिल्ली के साथ-साथ प्रयागराज में संगम तक नदी के पुनरुद्धार के लिए की जाने वाली कार्रवाइयों पर विचार-विमर्श किया गया.

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