EBM News Hindi
Leading News Portal in Hindi

नेशनल हेराल्ड मामले में कानून कर रहा है अपना काम



BJP: नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा आरोप पत्र दाखिल करने का मामला राजनीतिक तूल पकड़ चुका है. कांग्रेस का आरोप है कि मौजूदा केंद्र सरकार एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्ष को परेशान करने का काम कर रही है. यह मामला किसी भी तरह मनी लॉन्ड्रिंग से नहीं जुड़ा है. इस मामले को लेकर बुधवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर के बाहर राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया. वहीं भाजपा ने कहा कि भारत में नेहरु-गांधी परिवार सबसे भ्रष्ट है. कांग्रेस को प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन सार्वजनिक संपत्ति को लूटने का अधिकार किसी को नहीं है. कानून सबके लिए समान है और वह अपना काम करेगा.

नेशनल हेराल्ड की संपत्ति हड़पने की साजिश

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नेशनल हेराल्ड कभी भी नेहरू-गांधी खानदान की जागीर नहीं रही है. इस अखबार के प्रकाशन में बड़े लोगों ने सहयोग किया है. वर्ष 2008 में इसका प्रकाशन बंद हो गया और तब कांग्रेस ने इसको 90 लाख रुपये की मदद पार्टी फंड से की. लेकिन पार्टी फंड का कोई भी दल निजी कंपनी को नहीं दे सकता है. लेकिन कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड की संपत्ति हड़पने के लिए साजिश रची और इसके 99 प्रतिशत शेयर महज 50 लाख रुपये में अपनी निजी कंपनी यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया. यंग इंडिया में सोनिया और राहुल गांधी के 38-38 फीसदी सौंप कर उन्हें मालिकाना हक सौंप दिया. 

जांच में करें सहयोग

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के आरोप पत्र में तथ्यों के साथ सोनिया और राहुल गांधी को आरोपी बनाया गया है. कांग्रेस भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की मांग करती है, लेकिन जब उसके नेताओं से पूछताछ होती है तो वे प्रदर्शन करने लगते हैं. इस मामले में भ्रष्टाचार को लेकर हुई शिकायत के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने जांच शुरू की. जांच के दौरान कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा, पवन बंसल के अलावा सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ की गयी. पूछताछ और अन्य जुटाए गए सबूतों के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप पत्र दाखिल किया है. कांग्रेस को इस मामले में कानूनी लड़ाई लड़नी चाहिए. 

कांग्रेस यह जवाब देने में विफल रही है कि सिर्फ 50 लाख में करोड़ों की संपत्ति और जमीन कैसे गांधी परिवार का हो गया. गांधी परिवार के एक अन्य सदस्य ने सस्ते में जमीन लेकर करोड़ों रुपये में बेच दिया. एक अखबार जिसे कांग्रेस पार्टी का पूरा संरक्षण, प्रचार और संरक्षण प्राप्त था, वह आखिर क्यों बंद हो गया. ऐसा लगता है कि जिस अखबार से आजादी की लड़ाई लड़ रहे लोगों की आवाज को मजबूत करने की उम्मीद थी, कांग्रेस ने उस अखबार को निजी व्यवसाय का साधन बना दिया.