Health: देश में कोयला उत्पादन में अग्रणी कंपनी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड(बीसीसीएल) देश के स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है. इस कड़ी में बीसीसीएल धनबाद स्थित सेंट्रल हॉस्पिटल में डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड मेडिकल ट्रेनिंग प्रोग्राम का विस्तार करने का फैसला लिया है. हाल में इस हॉस्पिटल में ऑप्थोमोलॉजी(आंख) का विशेष कोर्स शुरू किया है. इस फैसले में इसमें कुल पांच प्रमुख कोर्स की पढ़ाई होने लगी है. इस फैसले से सेंट्रल हॉस्पिटल धनबाद कोल कंपनियों का सबसे प्रमुख अस्पताल और मेडिकल कॉलेज हो गया है.
मौजूदा समय में इस अस्पताल में जनरल मेडिसिन की चार सीट है, जो एमबीबीएस डिग्री के बाद तीन साल का कोर्स है. जेनरल सर्जरी में दो सीट है और यह भी एमबीबीएस के बाद 3 साल का कोर्स है. एनेस्थीसिया में दो सीट है और एमबीबीएस की डिग्री के बाद दो साल का डिप्लोमा कोर्स, फैमिली मेडिसिन में दो सीट और हाल में शुरू ऑप्थोमोलॉजी में भी दो सीट है. डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड की डिग्री नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंस प्रदान करता है. यह डिग्री भारत में मिलने वाली एमडी और एमएस डिग्री के समान है. बीसीसीएल कोशिश सेंट्रल हॉस्पिटल धनबाद का कोर्स को मेडिकल शिक्षा के तय मानक के अनुसार बनाया गया है.
कोयला उद्योग में काम करने वाले पेशेवरों को करना है मदद
बीसीसीएल की कोशिश मेडिकल क्षेत्र में अपनी आंतरिक क्षमता को बढ़ाना है ताकि कोयला उद्योग में काम करने वाले लोगों के अलावा धनबाद के आसपास के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराया जा सके. सेंट्रल हॉस्पिटल धनबाद में 50 फीसदी सीट कोल कंपनियों में काम कर रहे डॉक्टरों और 50 फीसदी सीट अन्य डॉक्टरों के लिए है. इसका मकसद कोल कंपनियों में काम कर रहे डॉक्टरों का अपने क्षेत्र में महारत हासिल करना है.
यह पहल कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत बीसीसीएल कर रहा है. इसके तहत स्वास्थ्य, शिक्षा और सामुदायिक विकास को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है. एडवांस मेडिकल ट्रेनिंग में निवेश कर बीसीसीएल देश के स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करने में भी अहम योगदान दे रहा है. बीसीसीएल के चीफ मेडिकल ऑफिसर सुमिरन दत्ता ने कहा कि बीसीसीएल सेंट्रल हॉस्पिटल धनबाद को कोल कंपनियों का प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान बनाने का काम कर रहा है. इसका मकसद लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराना है.