Tahawwur Rana: मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमलों के मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा को 10 अप्रैल के दिन भारत लाया गया. इसे भारत के लिए आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है. राणा को अमेरिका से भारत लाने का मिशन बेहद कठिन और संवेदनशील था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राणा को भारत लाने में करीब 4 करोड़ रुपये लगे हैं.
राणा को भारत लाने में 4 करोड़ क्यों लगे?
राणा को अमेरिका से भारत विमान में बैठाकर लाने में करीब 40 घंटों का समय लगा था. रिपोर्ट्स के अनुसार, इस पूरे सफर में करीब 4 करोड़ खर्च हुए हैं. दरअसल, तहव्वुर राणा को लाने के लिए एक लग्जरी प्लेन गुल्फस्ट्रीम G-550 किराए पर लिया गया था, जिसमें राणा को बैठाकर अमेरिका के मियामी से भारत लाया गया. इस खास विमान की प्रति घंटे उड़ान की लागत करीब 9 लाख रुपये है. यही कारण है कि भारत सरकार को राणा को वापस लाने में सामान्य खर्च से सौ गुना अधिक खर्च लगा है.
किराए पर लिया गया खास विमान
गुल्फस्ट्रीम G-550 विमान को भारत द्वारा विएना के एयरक्राफ्ट चार्टर सर्विस से किराए पर लिया गया था. यह विमान मियामी से 9 अप्रैल को रोमानिया जाने के लिए रवाना हुआ था. जिसके बाद यह विमान 10 अप्रैल को निर्धारित समय और स्थान पर पहुंचा. जहां से राणा को चार्ट में बैठाकर भारत लाया गया. इस ऑपरेशन को पूरा होने में करीब 40 घंटों का समय लगा.
कितने दिनों तक राणा NIA की हिरासत में रहेंगे?
विमान के लैंड करने के बाद तहव्वुर राणा को एनआईए द्वारा गिरफ्तार कर सबसे पहले मेडिकल चेकअप करवाया गया. जिसके बाद उसे कोर्ट के सामने पेश किया गया. जहां वरिष्ठ वकील दयान कृष्णन ने कोर्ट से NIA की तरफ से राणा की कस्टडी की मांग की थी. लेकिन कोर्ट की तरफ से केवल 18 दिनों के लिए ही कस्टडी की मांग को स्वीकार किया गया. इन 18 दिनों में एनआईए की टीम राणा से 2008 में हुई आतंकी हमलों की पूछताछ करेगी.
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