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जीरकपुर बाईपास परियोजना और पीएम कृषि सिंचाई योजना को मंजूरी, क्या होगा इससे लाभ?



Union Cabinet Decisions: छह लेन वाला जीरकपुर बाईपास एनएच-7 (जीरकपुर-पटियाला) के जंक्शन से शुरू होगा और एनएच-5 (जीरकपुर-परवाणू) के जंक्शन पर समाप्त होगा. इस बाईपास मार्ग की कुल लंबाई पंजाब और हरियाणा में 19.2 किलोमीटर होगी. हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल पर संचालित होने वाली इस परियोजना की कुल पूंजी लागत 1,878.31 करोड़ रुपये है.

जीरकपुर बाईपास सड़क परियोजना से क्या होगा लाभ?

जीरकपुर बाईपास सड़क परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य पटियाला, दिल्ली और मोहाली एयरोसिटी से यातायात का रुख मोड़कर और हिमाचल प्रदेश को सीधा संपर्क प्रदान करके जीरकपुर, पंचकूला और आसपास के क्षेत्रों में भीड़भाड़ को कम करना है. मौजूदा प्रस्ताव का उद्देश्य यात्रा के समय को कम करना और एनएच-7, एनएच-5 और एनएच-152 के भीड़भाड़ वाले शहरी खंड में यातायात को सुगम बनाना है.

1600 करोड़ रुपये की एम-सीएडीडब्ल्यूएम उप-योजना को मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 1,600 करोड़ रुपये के शुरुआती परिव्यय के साथ वर्ष 2025-26 की अवधि के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) की उप-योजना के रूप में कमांड क्षेत्र विकास और जल प्रबंधन (एम-सीएडीडब्ल्यूएम) के आधुनिकीकरण को मंजूरी प्रदान की.

पीएम कृषि सिंचाई योजना से क्या होगा लाभ?

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का उद्देश्य एक निर्दिष्ट क्लस्टर में मौजूदा नहरों या अन्य स्रोतों से सिंचाई के पानी की आपूर्ति के लिए सिंचाई जलापूर्ति नेटवर्क का आधुनिकीकरण करना है. यह किसानों द्वारा एक स्थापित स्रोत से खेतों तक, एक हेक्टेयर तक, भूमिगत दबाव वाली पाइप सिंचाई के साथ सूक्ष्म सिंचाई के लिए मजबूत ‘बैक-एंड’ बुनियादी ढांचा तैयार करेगा.