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महिंद्रा और एयरबस मिलकर बनायेंगे एच 130 हेलीकॉप्टर



Civil Aviation: देश में एच 130 हेलीकॉप्टर का निर्माण होगा. बुधवार को महिंद्रा एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड और एयरबस के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किया गया. इस समझौते से देश के एविएशन क्षेत्र में व्यापक बदलाव आने की संभावना है. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की पहल को मजबूती मिलेगी. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू की मौजूदगी में समझौते पर हस्ताक्षर किया गया. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नायडू ने कहा कि एच 130 हेलीकॉप्टर का निर्माण देश में होने से जाहिर होता है कि विदेशी कंपनियों की भारतीय उद्योग की क्षमता के प्रति विश्वास है. 

सबसे बड़ा होगा एविएशन बाजार

वर्ष 2011 में महिंद्रा एयरोस्ट्रक्चर का गठन किया गया और समझौते से यह जाहिर होता है कि एयरोस्पेस क्षेत्र में नयी कंपनी भी दुनिया की दिग्गज कंपनी एयरबस के साथ मिलकर काम करने में सक्षम हो सकती है. खुशी की बात है कि देश में एयरबस की व्यावसायिक एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर का निर्माण होगा. साथ ही तकनीक, उपकरण और इसके रखरखाव का पूरा काम देश में किया जायेगा. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत का एविएशन बाजार दुनिया का सबसे बड़ा बाजार होगा और अगले 20 साल में 2200 नये एयरक्राफ्ट भारतीय बेड़े में शामिल होगा. वर्ष 2030 तक भारत में हवाई यात्रा करने वाले लोगों की संख्या प्रतिवर्ष 6-8 फीसदी की की दर से बढ़ेगी और 63 करोड़ लोग हवाई यात्रा करने वाले होंगे. अगले 10-15 साल में देश का घरेलू एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग बाजार 10 बिलियन डॉलर का हो जायेगा. 

छोटे और मध्यम उद्योग को होगा फायदा

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में एविएशन क्षेत्र में छोटे एवं मध्यम और स्टार्टअप का योगदान 2 बिलियन डॉलर का होने की संभावना है. भारत की छोटी कंपनियां दुनिया की बड़ी एविएशन कंपनियों जैसे एयरबस, बोइंग और अन्य का जरूरी उपकरणों की आपूर्ति करेंगी. समझौते के तहत जल्द ही देश में इसके मैन्युफैक्चरिंग के यूनिट की स्थापना होगी. 

आधुनिक तकनीक लाने में मिलेगी मदद

गौरतलब है कि सी-295 सेना मालवाहक जहाज के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पेन के प्रधानमंत्री के बीच पहले ही समझौता हो चुका है. टाटा और एयरबस मिलकर गुजरात के राजकोट में इसका निर्माण करेंगे. अब एच 125 हेलीकॉप्टर का निर्माण भी एयरबस के साथ मिलकर देश में करने का रास्ता साफ हो गया है. इस मौके पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव ने कहा कि यह समझौता सिर्फ हेलीकॉप्टर निर्माण से जुड़ा नहीं है, बल्कि इससे देश में आधुनिक तकनीक भी आयेगी और आने वाले समय में स्वदेशी कंपनियों को इसका लाभ मिलेगा.