Panchayati Raj: पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है. सतत विकास लक्ष्यों को स्थानीय स्तर पर क्रियान्वित करने और जमीनी स्तर पर शासन को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने पंचायत उन्नति सूचकांक (पीएआई) जारी किया है. यह सूचकांक देश भर में 2 लाख 50 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों की प्रगति को मापने का परिवर्तनकारी तरीका है.
पंचायतों की प्रगति को मापने के लिए 9 विषय तय किए गए हैं, जिसमें पंचायत में गरीबी मुक्त और बेहतर आजीविका, स्वस्थ पंचायत, बाल-अनुकूल पंचायत, जल-पर्याप्त पंचायत, स्वच्छ और हरित पंचायत, आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचे वाली पंचायत, सामाजिक रूप से न्यायसंगत और सामाजिक रूप से सुरक्षित पंचायत, सुशासन युक्त पंचायत और महिला-अनुकूल पंचायत को शामिल किया गया है. ये विषय वैश्विक लक्ष्यों को ग्रामीण वास्तविकताओं के साथ जोड़ते हैं, जिससे स्थानीय सरकारों को समग्र विकास के लिए अपनी नीति निर्धारित करने में मदद मिलती है.
पंचायत उन्नति सूचकांक के राज्यवार आकलन में गुजरात 346 ग्राम पंचायतों के साथ सबसे आगे है. उसके बाद 270 ग्राम पंचायतों के साथ तेलंगाना दूसरे स्थान पर है. अधिक संख्या में बेहतर मानक प्रदर्शन करने वाले राज्यों में गुजरात (13781), महाराष्ट्र (12242), तेलंगाना (10099) के साथ मध्य प्रदेश (7912) और उत्तर प्रदेश (6593) शामिल हैं, जबकि बिहार, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में आकांक्षी ग्राम पंचायतों का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो विकास प्रयासों की आवश्यकता वाले क्षेत्रों को उजागर करता है.
वर्ष 2022-23 के पंचायत उन्नति सूचकांक आंकड़ों से पता चलता है कि 255699 ग्राम पंचायतों में से 216285 पंचायतों ने डेटा मुहैया कराया. इनमें 699 (0.3 फीसदी) पंचायतें अग्रणी रूप में उभरीं, 77298 (35.8 फीसदी) का प्रदर्शन बेहतर रहा, जबकि 132392 (61.2 फीसदी) आकांक्षी पंचायतें थीं. 5896 (2.7 फीसदी) ग्राम पंचायतें तय लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकी.
कैसे बनाया गया सूचकांक
पंचायत उन्नति सूचकांक (पीएआई) एक समग्र सूचकांक है और इसे 435 अद्वितीय स्थानीय संकेतकों (331 अनिवार्य और 104 वैकल्पिक) के आधार पर तैयार किया है. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय संकेतक फ्रेमवर्क (एनआईएफ) के साथ जोड़कर तैयार किया गया है. विभिन्न ग्राम पंचायतों द्वारा प्राप्त पीएआई स्कोर और विषयगत स्कोर के आधार पर ग्राम पंचायतों को प्रदर्शन की विभिन्न श्रेणियों में रखा गया है. जैसे पूर्ण लक्ष्य प्राप्तकर्ता अचीवर (90+), अग्रणी-फ्रंट रनर : (75 से 90 से नीचे), बेहतर प्रदर्शन-परफॉर्मर (60 से 75 से नीचे), आकांक्षी-एस्पिरेंट: (40 से 60 से नीचे) और आरंभिक स्तर पर बिगनर्स (40 से नीचे). पंचायत उन्नति सूचकांक-पीएआई का उद्देश्य स्थानीय सतत विकास लक्ष्य हासिल करने में जमीनी स्तर की संस्थाओं द्वारा की गई प्रगति का आकलन करना है.
यह सूचकांक किसी पंचायत के अधिकार क्षेत्र में स्थानीय समुदायों के कल्याण और विकास की स्थिति के आकलन के लिए विभिन्न सामाजिक-आर्थिक संकेतकों और मानदंडों को अपनाता है. पंचायत उन्नति सूचकांक विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकार और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के सहयोग से संभव हो पाया है. सभी हितधारकों ने आवश्यक आंकड़े साझा किए. 29 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों की 2 लाख 16 हजार से अधिक ग्राम पंचायतें पहले ही समर्पित पीएआई पोर्टल में अपना डेटा दर्ज कर चुकी हैं और अंतिम सूचकांक में शामिल किए जाने से पहले प्रत्येक प्रविष्टि का सावधानीपूर्वक सत्यापन किया जाता है.
भारत 2030 सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए ग्रामीण शासन में एक ऐतिहासिक नवाचार के रूप में सहयोग दे रहा है जो पारदर्शिता, दक्षता और समुदाय-केंद्रित विकास को बढ़ावा देता है.
ReplyForward |