Earth 2.0: विज्ञान के विकास के साथ इंसान अनंत में फैले ब्रह्मांड को जानने की कोशिश में लगा है. हर दिन अंतरिक्ष वैज्ञानिक ब्रह्मांड को खंगाल रहे हैं. क्या हम इतने विशाल ब्रह्मांड में अकेले हैं या हमारी धरती की तरह ही किसी ग्रह पर जीवन पनप रहा है, इस सवाल के जवाब की तलाश करते-करते वैज्ञानिकों की नजर एक ग्रह पर ठहर गई है. इसका नाम केपलर-452बी है. वैज्ञानिकों का दावा है कि यह ग्रह हमारी धरती की तरह ही है. पृथ्वी के समान ही यहां पानी है, जमीन है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस ग्रह पर वातावरण है जो जीवन पनपने के लिए अनुकूल माहौल बनाती है.
धरती से मिलता जुलता ग्रह है केप्लर 452 बी
केप्लर 452 बी हमारी धरती से इतना मिलता जुलता ग्रह है कि इसे कुछ वैज्ञानिक पृथ्वी 2.0 या पृथ्वी का चचेरा भाई कहते हैं. जीवन के लिए जो जरूरी चीजें होती है वो सभी कुछ इस ग्रह में मौजूद है. इसमें प्रचुर मात्रा में पानी है, जमीन है, इसका अपना वातावरण है. इसके सूर्य से इसकी दूरी भी करीब उतनी है जितनी पृथ्वी और सूर्य की दूरी है. यह ग्रह हैबिटेबल जोन में आता है. वैज्ञानिकों का दावा है कि इस ग्रह में अगर जीवन न भी हो तो यहां भविष्य में इंसानी बस्ती बसाने पर विचार किया जा सकता है.
केप्लर 452 बी का जानकारी
केप्लर 452 बी अभी तक खोजे गये सुपर अर्थ में पृथ्वी से सबसे ज्यादा मिलता-जुलता ग्रह है. इस ग्रह की तलाश नासा के केप्लर अंतरिक्ष यान ने की थी. केपलर 452बी पृथ्वी से करीब 1400 प्रकाश वर्ष दूर सिग्नस तारामंडल में स्थित है. इस चट्टानी ग्रह में जीवन को बनाए रखने के लिए पर्याप्त सूर्य का प्रकाश है.
धरती से 60 फीसदी ज्यादा बड़ा है केप्लर 452 बी
केपलर 452 बी आकार में पृथ्वी से काफी बड़ा है. दोगुने भी ज्यादा. व्यास में यह पृथ्वी से 60 फीसदी बड़ा है. यह 385 दिनों में अपने सूर्य की एक परिक्रमा करता है. इससे साफ है कि इसकी कक्षा भी पृथ्वी के समान दूरी पर स्थित है.वैज्ञानिकों का अनुमान है कि केप्लर 452 बी एक चट्टानी ग्रह है, जो अपने तारे के हैबिटेबल जोन में आता है. इसे केप्लर ऑब्जेक्ट ऑफ इंटरेस्ट KOI-7016.01 से भी जाना जाता है.
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