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केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी का चुनाव में दिख सकता है असर



Delhi Election :दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती है. ऐसी चर्चा है कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्‍ली शराब घोटाले से जुड़े कथित धन शोधन मामले में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी प्रवर्तन निदेशालय को दे दी है. हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा अभी तक सामने नहीं आयी है. यदि यह सच है, तो इस फैसले का असर दिल्ली के चुनाव पर पड़ सकता है. आम आदमी पार्टी का गठन भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए हुआ था. अरविंद केजरीवाल खुद को ईमानदार बताते रहे हैं. लेकिन भाजपा और कांग्रेस आम आदमी पार्टी और केजरीवाल पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाती रही है. हालांकि उपराज्यपाल द्वारा केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी वाली खबर को आम आदमी पार्टी फेक न्यूज बता रही है. आम आदमी पार्टी का कहना है कि अगर मंजूरी दी गयी है तो उसकी कॉपी सार्वजनिक की जाए. लेकिन भ्रष्टाचार का मुद्दा चुनाव में आम आदमी पार्टी को नुकसान पहुंचा सकता है. भाजपा इस मुद्दे को लेकर आक्रामक है. उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद भाजपा यह प्रचारित करेगी कि केजरीवाल और आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार में डूबी हुई है और शराब घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता अरविंद केजरीवाल हैं. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि इससे साफ जाहिर होता है कि केजरीवाल शराब घोटाले के मास्टरमाइंड हैं.

भाजपा और कांग्रेस को दिख रहा है दिल्ली में मौका

दिल्ली विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए करो या मरो के समान है. लगभग तीन दशक से दिल्ली की सत्ता से भाजपा दूर है. पिछले तीन लोकसभा चुनाव में भाजपा दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीट जीतने में कामयाब रही है. लेकिन पिछले दो विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को बड़ी जीत मिली है. भाजपा का मानना है कि इस बार हालात अलग है. अरविंद केजरीवाल सहित आम आदमी पार्टी के कई नेताओं पर भ्रष्टाचार के मामले चल रहे हैं. इससे केजरीवाल की छवि को नुकसान हुआ है. बीजेपी हरियाणा और महाराष्ट्र के बाद दिल्ली में जीत दर्ज कर इंडिया गठबंधन को एक और बड़ा झटका देना चाहती है. भाजपा का मानना है कि अगर आम आदमी पार्टी दिल्ली में चुनाव हार जाती है तो पंजाब में भी उसके लिए संभावना का द्वार खुल जायेगा. वहीं कांग्रेस के लिए दिल्ली में कड़ा मुकाबला है. आप के साथ गठबंधन फेल होने के बाद कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. केजरीवाल के खिलाफ कांग्रेस ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को मैदान में उतारकर यह संदेश दिया है कि वह मजबूती से चुनाव लड़ेगी. कांग्रेस और भाजपा चुनाव में भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाएगी.