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21 मई 1991, 10 जनपथ पर वो हुआ जो पहले कभी नहीं हुआ था



Sonia Gandhi Birthday : कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और पार्टी सांसद सोनिया गांधी का आज 78वां जन्मदिन है. भले ही उनके जीवन में कई सुख के पल आए होंगे, लेकिन उनकी जिंदगी से 21 मई का काला अध्याय कभी नहीं मिटेगा. यदि आप अब सोच में पड़ गए है आखिर क्यों? तो आइए आपको आपके सवाल का जवाब देते हैं. दरअसल, साल 1991 की यह वही तारीख है जब उनके कानों तक पति राजीव की मौत की खबर पहुंची थी. खबर सुनते ही वह जोर से चीख पड़ीं थी.

राजीव की मौत के वक्त कहां थीं सोनिया गांधी?

राजीव गांधी की हत्या के वक्त सोनिया गांधी अपनी बेटी प्रियंका गांधी के साथ 10 जनपथ स्थित आवास में थीं. राजीव के निजी सचिव विंसेंट जॉर्ज भी दिल्ली में ही थे. जॉर्ज को जब राजीव के बारे में जानकारी मिली, वह दौड़े-दौड़े 10 जनपथ पहुंचे. जॉर्ज ने चेन्नई में पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी से बात की और सच्चाई जानने का प्रयास किया. पता चला हमला राजीव गांधी को निशाना बनाकर किया गया.

कैसे राजीव गांधी की मौत की खबर पर लगी मुहर?

राजीव के मौत की खबर सोनिया गांधी तक पहुंचाना आसान नहीं था. ठीक उसी वक्त, चेन्नई से खुफिया विभाग के एक अधिकारी का कॉल आया. सोनिया गांधी की जीवनी में लेखक रशीद किदवई ने इन बातों का जिक्र किया है. खुफिया विभाग का व्यक्ति सोनिया गांधी या जॉर्ज से बात करने की इच्छा व्यक्त करता है. फोन जॉर्ज के हाथ में था, उनका पहला ही सवाल था कि राजीव कैसे हैं? दूसरी तरफ से पहले तो कुछ आवाज नहीं आई. इसके बाद जॉर्ज ने चिल्लाया तो उधर के एक लाइन की सूचना मिली कि राजीव नहीं रहे.

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रोते-रोते सोनिया गांधी को अस्थमा का आया अटैक

किदवई ने लिखा, सोनिया गांधी को जब राजीव की मौत के बारे में पता चला, तो 10 जनपथ पर वो हुआ जो पहले कभी नहीं हुआ था. सोनिया इतनी जोर से रो रही थीं कि बाहर गेस्ट रूम में बैठे कांग्रेस नेताओं को साफ सुनाई दे रहा था. रोते-रोते उन्हें अस्थमा का अटैक पड़ गया.