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देवेंद्र फडणवीस के महाराष्ट्र CM बनने के 10 बड़े कारण क्या है?



Devendra Fadnavis: महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस को एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है. बीजेपी विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर सहमति बनने के बाद अब वे 5 दिसंबर की शाम 5:30 बजे मुंबई के आजाद मैदान में तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. हालांकि, पहले कयास लगाए जा रहे थे कि बीजेपी इस बार मराठा या ओबीसी वर्ग के किसी नेता को मुख्यमंत्री बना सकती है, लेकिन फडणवीस का नाम तय करके पार्टी ने सामान्य वर्ग को स्पष्ट संदेश दिया है.

देवेंद्र फडणवीस अनुभवी और स्थापित नेता

देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र की राजनीति में एक अनुभवी और स्थापित नेता हैं. 6 बार विधायक रह चुके फडणवीस ने सरकार और संगठन दोनों में बेहतरीन काम किया है. उनके नेतृत्व में क्षेत्रीय क्षत्रपों को साधने और हर वर्ग में पैठ बनाने की क्षमता है, जो बीजेपी के लिए नया चेहरा चुनने से अधिक सुरक्षित विकल्प साबित हुआ.

देवेंद्र फडणवीस के पास पूर्व मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम का अनुभव

फडणवीस 2014 से 2019 तक मुख्यमंत्री रहे और 2022 से डिप्टी सीएम के रूप में काम कर रहे थे. नागपुर दक्षिण-पश्चिम से वे लगातार छह बार विधायक चुने गए हैं. इससे पहले वे नागपुर नगर निगम के मेयर भी रह चुके हैं.

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देवेंद्र फडणवीस की 2019 की राजनीतिक परीक्षा

2019 में विधानसभा चुनाव के बाद उद्धव ठाकरे के एनडीए छोड़ने और महाविकास अघाड़ी बनाने पर फडणवीस ने मजबूती से बीजेपी का पक्ष रखा. उन्होंने यह साबित किया कि बीजेपी ने ठाकरे से मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई वादा नहीं किया था.

विपक्ष में देवेंद्र फडणवीस की दमदार भूमिका

विपक्ष के नेता के रूप में, फडणवीस ने उद्धव सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार और कोरोनाकाल की अव्यवस्थाओं को लेकर मोर्चा खोला. इससे उन्हें राज्य में बीजेपी के सर्वमान्य नेता के रूप में पहचान मिली.

शिवसेना में टूट और नई सरकार का गठन

2022 में शिवसेना में विभाजन के बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में एनडीए सरकार बनी. फडणवीस ने विधायकों को एकजुट रखने और सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई. डिप्टी सीएम बनने के फैसले को उन्होंने सहजता से स्वीकार किया.

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सरकार में स्थिरता बनाए रखना

2022 की नई सरकार में बीजेपी कोटे से केवल 10 मंत्री बनाए गए थे. फडणवीस ने बीजेपी विधायकों को साधे रखा और एकनाथ शिंदे के साथ सरकार को सफलतापूर्वक चलाया.

अजित पवार गुट का एनडीए में शामिल होना

जुलाई 2023 में अजित पवार गुट के 42 विधायकों को एनडीए में शामिल करने और उन्हें कैबिनेट में जगह दिलाने का पावर शेयरिंग फॉर्मूला फडणवीस ने तैयार किया. इसमें बीजेपी ने अपने 6 मंत्रालय और शिंदे गुट ने 5 मंत्रालय छोड़े.

2024 लोकसभा में हार और रणनीति में बदलाव

लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को महाराष्ट्र में नुकसान हुआ, जब पार्टी सिर्फ 9 सीटें जीत पाई. लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने “लाडकी बहिण” जैसी योजनाएं लाकर रणनीति बदली, जिससे जनता का समर्थन मिला.

क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों का समाधान

मराठा बनाम ओबीसी आरक्षण विवाद और सीट बंटवारे की चुनौती को फडणवीस ने महायुति नेताओं के साथ मिलकर हल किया. इससे एनडीए के भीतर समन्वय बना और चुनाव में महायुति को एकतरफा जीत मिली.

महाविकास अघाड़ी की हार

विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी सिर्फ 49 सीटों पर सिमट गई. फडणवीस के नेतृत्व में महायुति ने जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को साधकर विपक्ष को करारी शिकस्त दी. फडणवीस का अनुभव और नेतृत्व क्षमता महाराष्ट्र में बीजेपी को स्थिरता और मजबूती देने का वादा करती है.

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