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देश में 5.8 करोड़ राशन कार्ड पाए गए हैं अवैध



Food Security: देश के गरीबों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत तय मात्रा में समय पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ओर से कई कदम उठाए गए है. केंद्र सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार लाने के लिए डिजिटलाइजेशन, पारदर्शिता और वितरण की प्रक्रिया को बेहतर बनाने का काम किया है. सरकार के इन प्रयासों के कारण सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित लाभार्थियों को अनाज मिल रहा है. अनाज के सप्लाई को बेहतर करने के लिए सप्लाई चेन मैनेजमेंट सिस्टम को लागू किया गया है. यह सप्लाई के शुरू से अंत तक के ऑपरेशन को पारदर्शी बनाने का काम कर रहा है. फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के कामकाज को बेहतर करने के साथ सेंट्रल फूड प्रोक्योरमेंट पोर्टल न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए तैयार किया गया है.

इसके अलावा वेयरहाउस इन्वेंट्री नेटवर्क और गवर्निंग सिस्टम के जरिये मिल को डिपो से जोड़ा गया है. व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम को लागू किया गया. वहीं वितरण के मोर्चे पर खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने पूरी प्रक्रिया का कंप्यूटरीकरण किया है. लगभग 99.8 फीसदी राशन कार्ड का डिजिटलीकरण हो चुका है और 98.7 फीसदी लाभार्थियों के राशन कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ा जा चुका है. देश के सार्वजनिक वितरण प्रणाली दुकानों पर 5.33 लाख ई-पीओएस मशीन के जरिये अनाज का वितरण किया जा रहा है. ई-पीओएस मशीन से लाभार्थी के आधार से पहचान की जाती है ताकि इसका लाभ गलत लोगों को नहीं मिल सके. मौजूदा समय में आधार से पहचान के आधार पर 98 फीसदी अनाज का वितरण किया जा रहा है. 

ई-केवाईसी को बढ़ावा दे रही सरकार

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने उचित लाभार्थियों की पहचान के लिए ई-केवाईसी प्रक्रिया शुरू की है. इसके तहत लाभार्थी के आधार कार्ड और राशन कार्ड में दिए विवरण की जांच की जाती है और अयोग्य लोगों को सूची से हटा दिया जाता है. मौजूदा समय में 64 फीसदी लाभार्थी के ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और सह प्रक्रिया तेजी से चल रही है ताकि अन्य लाभार्थियों की भी पहचान की जा सके. लाभार्थियों की सुविधा के लिए ई-केवाईसी की प्रक्रिया देश के किसी भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान से कराने की छूट दी गयी है.

राशन कार्ड के डिजिटलीकरण और आधार कार्ड से जोड़ने के कारण 5.8 करोड़ राशन कार्ड को अवैध करार दिया गया है. वन नेशन वन राशन कार्ड के तहत लाभार्थियों को देश के किसी भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली से अनाज लेने की सुविधा प्रदान की गयी है. सरकार के प्रयासों के कारण सार्वजनिक वितरण प्रणाली अधिक पारदर्शी हुई है और इससे सरकार को होने वाले नुकसान में भी कमी आयी है.