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शिक्षा मंत्री ने माना NTA में सुधार की जरूरत



NEET Row: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में माना की एनटीए में सुधार की जरूरत है. उन्होंने कहा, छात्रों के साथ कुछ भी गलत नहीं होने दिया जाएगा. शिक्षा मंत्री ने कहा, सुप्रीम कोर्ट की अनुशंसा पर 1,563 अभ्यर्थियों की दोबारा परीक्षा का आदेश दिया गया है. दो जगहों पर कुछ अनियमितताएं सामने आई हैं. मैं छात्रों और अभिभावकों को आश्वस्त करता हूं कि सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है.

दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा : धर्मेंद्र प्रधान

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, अगर NTA के बड़े अधिकारी भी दोषी पाए गए तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. NTA में बहुत सुधार की जरूरत है. सरकार इस बात को लेकर चिंतित है, किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, उन्हें सख्त से सख्त सजा मिलेगी.

शिक्षा मंत्री ने छात्रों और अभिभावकों को किया आश्वस्त

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, NEET के संबंध में 2 प्रकार की अव्यवस्था का विषय सामने आया है. प्रारंभिक जानकारी थी कि कुछ छात्रों को कम समय मिलने के कारण उनको ग्रेस नंबर दिए गए. दूसरा 2 जगहों पर कुछ गड़बड़ियां सामने आई हैं. मैं छात्रो और अभिभावकों को आश्वस्त करता हूं कि इसे भी सरकार ने गंभीरता के साथ लिया है. जानकारी हमें मिली है, हम सारे विषयों को एक निर्णायक स्थिति तक ले जाएंगे.

क्या है मामला

गौरतलब है कि 5 मई को देशभर के 571 शहरों में 4750 केंद्रों पर नीट परीक्षा का आयोजन किया गया था. जिसमें देशभर से करीब 24 लाख छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे. एनटीए ने नीट परीक्षा का रिजल्ट 4 जून को जारी किया. जिसमें टॉपर्स की सूची भी जारी की गई. सूची के अनुसार 67 छात्रों को 720 नंबर मिले थे. जबकि छात्रों और एक्सपर्ट के अनुसार नीट परीक्षा के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि एक साथ इतने छात्रों को पूरा अंक प्राप्त हुए हों. इसके अलावा दो छात्र के अंक 718 और 719 मिले. रिजल्ट आउट होने के बाद देशभर में छात्रों का विरोध प्रदर्शन आरंभ हुआ. छात्रों ने रिजल्ट को लेकर बवाल शुरू किया. कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया. जब मामला कोर्ट में पहुंचा तो एनटीए ने बताया कि जिन छात्रों ने समय कम मिलने की शिकायत की थी, उन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए. ऐसे कुल 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए. छात्रों ने एक और मामला उठाया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि कुछ सेंटरों में पेपर लीक हुआ था और छात्रों को अतरिक्त सुविधा प्रदान की गई. यही नहीं छज्जर में एक ही सेंटर से 6 छात्रों को 720 अंक प्राप्त हुए, ये भी सवाल के घेरे में है. फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने है.

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