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'मृत्युदंड के लिए तैयार, हम पर लगाएं 1000 करोड़ रुपये का जुर्माना', झूठे प्रचार के आरोप पर बोले बाबा रामदेव


योग गुरु बाबा रामदेव के पतंजलि पर झूठे और भ्रामक प्रचार करने का आरोप लगाया गया है. जिसकी सफाई बाबा रामदेव ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी. बाबा ने कहा, उनकी दवाएं शोध पर आधारित हैं. सत्यता साबित करने के लिए वो सुप्रीम कोर्ट के सामने परेड कराने के लिए भी तैयार हैं.

अगर हम झूठे हैं, तो हम पर लगाएं 1000 करोड़ रुपये का जुर्माना : बाबा रामदेव

योग गुरु स्वामी रामदेव ने हरिद्वार में प्रेस कॉन्फेंस करते हुए कहा, कल से अलग-अलग मीडिया साइट्स पर एक खबर वायरल हो रही है कि सुप्रीम कोर्ट (SC) ने पतंजलि को फटकार लगाई है. SC ने कहा कि अगर आप गलत प्रचार करेंगे तो आप पर जुर्माना लगाया जाएगा. .. हम SC का सम्मान करते हैं, लेकिन हम कोई गलत प्रचार नहीं कर रहे हैं. कुछ डॉक्टरों ने एक समूह बनाया है जो लगातार योग, आयुर्वेद आदि के खिलाफ प्रचार करता है. अगर हम झूठे हैं, तो हम पर 1000 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाएं, और हम मृत्युदंड के लिए भी तैयार हैं. लेकिन अगर हम झूठे नहीं हैं, तो उन लोगों को दंडित करें जो वास्तव में झूठा प्रचार कर रहे हैं. पिछले 5 वर्षों से रामदेव और पतंजलि को निशाना बनाकर दुष्प्रचार किया जा रहा है.

सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु रामदेव द्वारा सह-स्थापित और हर्बल उत्पादों का कारोबार करने वाली कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को कई रोगों के संबंध में अपनी दवाओं के बारे में विज्ञापनों में झूठे और भ्रामक दावे करने के प्रति मंगलवार को आगाह किया.

आईएमए ने पतंजलि पर लगाया आरोप

जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की याचिका पर सुनवाई करते हुए मौखिक टिप्पणी में कहा, पतंजलि आयुर्वेद के ऐसे सभी झूठे और भ्रामक विज्ञापनों को तुरंत रोकना होगा. अदालत ऐसे किसी भी उल्लंघन को बहुत गंभीरता से लेगी. शीर्ष अदालत ने टीकाकरण अभियान और आधुनिक दवाओं के खिलाफ रामदेव पर अभियान का आरोप लगाने वाली आईएमए की याचिका पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और आयुष मंत्रालय तथा पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को नोटिस जारी किया था.

स्वामी रामदेव बाबा को क्या हुआ है?

तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था, गुरु स्वामी रामदेव बाबा को क्या हुआ है?…हम उनका सम्मान करते हैं क्योंकि उन्होंने योग को लोकप्रिय बनाया। हम सभी इसे करते हैं. लेकिन, उन्हें दूसरी पद्धति की आलोचना नहीं करनी चाहिए.

इसकी क्या गारंटी है कि आयुर्वेद, जो भी पद्धति वह अपना रहे हैं, वह काम करेगी?

पीठ ने कहा था, इसकी क्या गारंटी है कि आयुर्वेद, जो भी पद्धति वह अपना रहे हैं, वह काम करेगी? आप ऐसे विज्ञापनों को देखते हैं जिनमें सभी डॉक्टरों पर ऐसे आरोप लगाए जाते हैं मानो वे हत्यारे हों. बड़े-बड़े विज्ञापन दिए गए हैं.

आईएमए का क्या है आरोप

आईएमए ने कई विज्ञापनों का हवाला दिया था, जिनमें कथित तौर पर एलोपैथ और डॉक्टरों को गलत तरीके से दिखाया गया था. यह भी कहा गया था कि आम जनता को गुमराह करने के लिए आयुर्वेदिक दवाओं के उत्पादन में लगी कंपनियों द्वारा भी अपमानजनक बयान दिए गए हैं.