A, B और RH+ ब्लड ग्रुप वाले लोगों में कोरोना संक्रमित होने का खतरा सबसे अधिक- स्टडी
नई दिल्ली, दिसंबर 01। पूरी दुनिया में इस वक्त कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन की दहशत है और भारत पर भी इसका खतरा बराबर मंडरा रहा है। इस बीच राजधानी दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल की स्टडी में ये सामने आया है कि A, B और RH+ ब्लड ग्रुप के लोगों को कोरोना संक्रमित होने का खतरा सबसे अधिक होता है। वहीं AB, O और RH- ब्लड ग्रुप के लोगों को संक्रमित होने का खतरा सबसे कम होता है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, इस स्टडी में 2586 लोगों को शामिल किया गया। ये स्टडी 8 अप्रैल 2020 से 4 अक्टूबर 2020 तक अस्पताल में भर्ती मरीजों पर की गई है। ये सभी मरीज कोरोना से संक्रमित हुए थे। इस स्टडी के नतीजे सेल्युलर और संक्रमण माइक्रोबायोलॉजी में फ्रंटियर्स के 21 नवंबर के एडिशन में पब्लिश हुई है। इस स्टडी को लेकर अस्पताल की डॉक्टर रश्मि राणा ने कहा है कि हमने इस स्टडी में A,B,O और RH ब्लड ग्रुप के साथ कोविड-19 की संवेदनशीलता, इसके इलाज और रिकवरी में लगने वाले समय और मृत्यु दर की जांच की है। रश्मि राणा ने कहा है कि सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोनावायरस 2 का एक नया वायरस है। ब्लड ग्रुप का कोविड-19 जोखिम या प्रगति पर कोई प्रभाव पड़ता है या नहीं, इसी का पता लगाने के लिए हमने ये स्टडी की है। रिसर्च पेपर के अनुसार, A,B,O और AB एबी ब्लड ग्रुप की फ्रीक्वेंसी क्रमश: 29.93%, 41.8%, 21.19% और 7.89% थी, जबकि 79,325 के कंट्रोल ग्रुप में इनकी फ्रीक्वेंसी 21.86%, 38.49%, 29.37 और 10.28 प्रतिशत थी। वहीं आरएच पॉजिटिव ब्लड ग्रुप की फ्रीक्वेंसी 98.07% है। वहीं स्टडी में ये भी दावा किया गया है B ब्लड ग्रुप वाले पुरुषों में महिलाओं के मुकाबले कोरोना संक्रमित होने का खतरा सबसे अधिक होता है। गंगाराम अस्पताल के रक्त विभाग के चेयरपर्सन विवेक रंजन ने बताया है कि B+ पुरुष रोगियों को महिला रोगियों की तुलना में कोविड-19 का खतरा अधिक होता है। ग्रुप बी और ब्लड ग्रुप एबी को 60 वर्ष आयु वर्ग के रोगियों में संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील पाया गया। डॉ विवेक बोले, हमारे अध्ययन में यह भी पाया गया कि ब्लड ग्रुप ए और आरएच+ के मरीजों में रिकवरी अवधि में कमी पाई गई, जबकि ब्लड ग्रुप ओ और आरएच- में रिकवरी अवधि में वृद्धि मिली।