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पीठ पीछे बुराई करने वालों से कैसे निपटें? आचार्य चाणक्य से सीखें हालात को संभालना और उससे निकलना


Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के बारे में अगर बात करें तो उन्हें अपने समय के सबसे ज्ञानी और बुद्धिमान पुरुष के तौर पर भी जाना जाता है. मानवजाति की भलाई के लिए उन्होंने आज से कई सौ साल पहले कई तरह की बातें कहीं थीं जो आज के समय में भी हमारे काफी काम आती है. आचार्य चाणक्य कहते हैं हर इंसान की यह चाहत होती है कि दूसरे उसकी इज्जत करें और उसके बारे में सिर्फ अच्छा ही सोचें. लेकिन अक्सर ऐसा होना संभव नहीं होता है. कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो हमारे पीठ पीछे हमारी बुराई ही करते हैं और गलत बातें फैलाकर समाज में हमें नीचा दिखाते हैं. चाणक्य कहते हैं जब ऐसा होता है तो हमें गुस्सा आना स्वाभाविक है लेकिन इस समय भी आपके लिए अपने मुंह से निकलने वाले शब्दों और इमोशंस पर कंट्रोल रखना जरूरी है. आज इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि जब कोई भी आपकी पीठ पीछे आपकी बुराई करे तो आपको उस समय किस तरह से व्यवहार करना चाहिए और हालात को कैसे हैंडल करना चाहिए.

दूसरों की बातों से खुद को कमजोर न बनने दें

आचार्य चाणक्य के अनुसार जिस भी व्यक्ति पर दूसरों की बातों का तुरंत असर पड़ता है वह कभी भी स्थिरता के साथ नहीं रह सकता है. आचार्य चाणक्य कहते हैं अगर कोई आपकी पीठ पीछे आपकी बुराई कर रहा है तो इसका यह बिलकुल भी मतलब नहीं है कि वह सच कह रहा है और आप वाकई में वैसे ही हैं. आचार्य चाणक्य के अनुसार लोग अक्सर उसी के बारे में गलत बात कहते हैं जिनसे उन्हें जलन होती है, जिनसे वे कम्पटीशन करते हैं या फिर जिनसे वे खुद की तुलना करते हैं. अगर कोई पीठ पीछे आपकी बुराई कर रहा है तो उसकी बातों को दिल में न लें और खुद को अंदर से मजबूत भी बनाएं.

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चुप रहना ही सबसे बड़ी ताकत

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि एक मूर्ख इंसान से वाद-विवाद करने से बेहतर है कि आप एक चुप रहें. अगर कोई आपकी बुराई या फिर बेइज्जती करता है और आप तुरंत उस बात पर प्रतिक्रिया देते हैं तो इससे आपकी प्रतिष्ठा को ही नुकसान पहुंचता है. मौन रहकर आप न केवल हालात को संभाल सकते हैं, बल्कि सामने वाले को यह एहसास भी कराते हैं कि उसकी बातों का आप पर कोई असर नहीं है.

कर्म से जवाब दीजिए, शब्दों से नहीं

चाणक्य नीति के अनुसार किसी भी इंसान की असली पहचान उसके कर्मों से ही होती है बातों से बिलकुल भी नहीं. यह एक मुख्य कारण है जब कोई कोई आपकी बुराई करता है तो आपको अपनी एनर्जी उसे जवाब देने में बर्बाद नहीं करनी चाहिए. इसकी जगह पर आपको अपने काम में इतना बेहतर बन जाना चाहिए कि वही आपकी पहचान बन जाए. जब आप अपने कर्म से जवाब देते हैं तो धीरे-धीरे दुनिया की आवाज शांत हो जाती है.

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लोग आपके बारे में क्यों बात कर रहे हैं

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर लोग आपकी पीठ पीछे बातें करने लगते हैं तो आपको समझ लेना चाहिए कि आप उनसे आगे निकल चुके हैं. कोई भी व्यक्ति उसी के बारे में बात करता है जो किसी न किसी तरीके से उससे बेहतर या प्रभावशाली हो. अगर कोई आपकी बुराई करे तो उसे निगेटिव तरीके से न देखें बल्कि समझें कि आप उनसे आगे बढ़ चुके हैं.

जलन को पहचानिए और दूरी बनाए रखिए

आचार्य चाणक्य बताते हैं कि कई बार ऐसा भी होता है कि लोग आपकी अच्छाई, सफलता या फिर आत्मविश्वास को देखकर भी जलने लगते हैं. ऐसा होने की वजह से ही वे आपको गिराने की कोशिश भी करते हैं. अगर आपके साथ ऐसा हो रहा है तो इस तरह के लोगों से इमोशनली दूर रहने में ही आपकी समझदारी है. ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप अपनी एनर्जी ऐसे लोगों पर खर्च करना बंद करते हैं, तो आप खुद को शांति और सफलता के और करीब ले आते हैं.

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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.