Vidur Niti: महाभारत के विद्वान महामंत्री विदुर ने विदुर नीति में व्यक्ति के आचरण, संयम, मित्रता और कर्म को लेकर ऐसे विचार बताए गए हैं जो आज भी जीवन में सफलता और शांति का मार्ग दिखाते हैं. विदुर के अनुसार, कुछ ऐसे गुण होते हैं जिनसे युक्त व्यक्ति पर दुख का साया भी नहीं पड़ता.
विदुर नीति श्लोक के अनुसार –
“मितं भुङ्क्ते संनिभज्याश्रितेषु यो
मितं स्वपित्यर्थं कर्म कुर्वन्।
ददात्यमित्रेऽपि याचितः सन्
समाप्तवल्लं प्रजहत्यनर्थान्॥
श्लोक का अर्थ
जो व्यक्ति अपने आश्रितों को बांटकर थोड़ा ही भोजन करता है, बहुत अधिक काम करके भी संयमित रूप से सोता है, और माँगे जाने पर अपने शत्रु (अमित्र) को भी धन देता है, वह व्यक्ति अपने सभी अनर्थों (दुःखों) को समाप्त कर देता है. ऐसे व्यक्ति के जीवन में दुःख और विपत्ति पास भी नहीं आते.
Vidur Niti: विदुर नीति के अनुसार श्रेष्ठ व्यक्ति के 4 गुण

1. संयमित भोजन करने वाला (मिताहारी)
जो व्यक्ति भोजन में अति नहीं करता और दूसरों के साथ बाँटकर खाता है, वह न केवल स्वस्थ रहता है बल्कि उसमें सहानुभूति और त्याग की भावना भी विकसित होती है.
2. परिश्रमी लेकिन संतुलित जीवन जीने वाला
विदुर कहते हैं कि अधिक परिश्रम करने वाला भी यदि उचित विश्राम करता है, तो उसका मन और शरीर सदा स्वस्थ रहते हैं. ऐसे व्यक्ति का आत्मबल दृढ़ होता है.
3. दातव्य स्वभाव वाला
जो व्यक्ति माँगने पर अपने शत्रु को भी कुछ देने से पीछे नहीं हटता, उसका हृदय विशाल और निस्वार्थ होता है. दानशीलता सबसे बड़ा धर्म है जो व्यक्ति को सच्चा सुख देती है
4. दुःखों से मुक्त रहने वाला
विदुर के अनुसार, ऐसा संयमी, परिश्रमी और उदार व्यक्ति जीवन में कभी भारी दुःखों से ग्रसित नहीं होता. उसके चारों ओर हमेशा सकारात्मकता और समृद्धि बनी रहती है.
जीवन की महानता केवल धन या पद में नहीं, बल्कि संयम, परिश्रम, दान और सद्भाव में निहित है. जो व्यक्ति इन गुणों को अपनाता है, वह न केवल स्वयं सुखी रहता है बल्कि अपने आसपास भी शांति और खुशहाली का वातावरण बनाता है.
Also Read: Vidur Niti: जो व्यक्ति करते हैं ये 3 काम, उन पर होती है मां लक्ष्मी की असीम कृपा
Also Read: Vidur Niti: इन गलतियों के कारण शीघ्र मृत्यु को पा जाता है इंसान – जानें विदुर नीति से
Also Read: Vidur Niti: मां लक्ष्मी की कृपा पाते है वे लोग जिनके घर में होते है ये काम