Anger Management: गुस्सा इंसानी स्वभाव का हमेशा से एक बड़ा हिस्सा रहा है, लेकिन जब यह समस्या हद से ज्यादा बढ़ जाए तो रिश्तों, हेल्थ और करियर तीनों को ही बुरी तरह से अफेक्ट कर सकता है. साइंस की अगर मानें तो गुस्सा सिर्फ इमोशन नहीं है, बल्कि यह हमारे दिमाग और शरीर पर सीधा असर डालता है. एक्सपर्ट्स के अनुसार ब्लड प्रेशर बढ़ना, दिल की धड़कन तेज होना और सोचने की कैपिसिटी कम होना यह सब गुस्से के असर हैं. अच्छी बात यह है कि गुस्से को कंट्रोल करना पॉसिबल है और इसके लिए साइंस ने कई प्रूव्ड तरीके बताए हैं. आज इस आर्टिकल में हम आपको इन्हीं कारगर तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं. तो चलिए जानते हैं ऐसे ही 7 साइंटिफिक हैक्स.
गहरी सांस लेने की टेक्निक अपनाएं
एक्सपर्ट्स के अनुसार जब आपको गुस्सा आए तो सबसे पहले 4-4-4 टेक्निक अपनाएं. इसका मतलब 4 सेकंड तक गहरी सांस लें और 4 सेकंड रोकें और 4 सेकंड में धीरे-धीरे छोड़ें. यह टेक्निक तुरंत आपके नर्वस सिस्टम को शांत करती है और बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को भी नॉर्मल करती है.
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टाइम आउट लें
साइंस कहता है कि जब आपका दिमाग किसी भी चीज को लेकर ओवररिएक्ट करता है तो हमें कुछ देर का ब्रेक लेना चाहिए. यानी जिस सिचुएशन में आपको गुस्सा आया है, उस सिचुएशन या जगह से कुछ मिनट के लिए दूर हो जाएं. यह छोटा सा ब्रेक आपके दिमाग को शांत कर देता है और रिएक्शन की जगह रिस्पॉन्स देने का मौका देता है.
पॉजिटिव सेल्फ टॉक जरूरी
जब हमें गुस्सा आता है तो इस समय हमारे दिमाग में कई तरह के निगेटिव थॉट्स भर जाते है. जब ऐसा हो तो खुद से धीरे-धीरे पॉजिटिव बातें करें, जैसे ‘यह सिचुएशन टेंपरेरी है’, ‘मुझे शांत रहना है’ या ‘मैं इस सिचुएशन को आसानी से हैंडल कर सकता हूं’. साइकोलॉजी रिसर्च मानती है कि सेल्फ-टॉक इमोशन्स को बैलेंस करने में मदद करता है.
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गुस्से को किसी जगह पर लिखें
एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर आपसे गुस्सा कंट्रोल नहीं हो रहा तो उसे बाहर निकालें, लेकिन सही तरीके से. साइंस की अगर मानें तो इमोशन्स को लिखने से दिमाग हल्का हो जाता है. दिमाग को शांत करने के लिए डायरी या मोबाइल नोट्स में लिखें कि आपको किस बात से गुस्सा आया और आप कैसा महसूस कर रहे हैं. जब आप ऐसा करते हैं तो आपको इमोशनल क्लियरिटी मिलती है.
फिजिकल एक्टिविटी फायदेमंद
एक्सपर्ट्स के अनुसार जब आप गुस्से में होते हैं तो उस समय आपके शरीर में एड्रेनालिन तेजी से रिलीज होता है. इसे बैलेंस या कंट्रोल करने के लिए फिजिकल एक्टिविटी या मूवमेंट सबसे बेस्ट तरीका है. दिमाग शांत करने के लिए आप 10 मिनट वॉक कर सकते हैं, जॉगिंग कर सकते हैं या पंचिंग बैग पर स्ट्राइक कर सकते हैं. साइंस कहता है कि फिजिकल एक्टिविटी गुस्से को एनर्जी में बदल देती है.
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रिफ्रेमिंग टेक्निक का इस्तेमाल
कॉग्निटिव साइंस में रिफ्रेमिंग का मतलब होता है सोच का एंगल बदलना. उदाहरण से अगर समझें तो अगर किसी की बात पर आपको गुस्सा आया है तो सोचें कि शायद उसका इरादा बुरा नहीं था, बस एक्सप्रेस करने का तरीका गलत था. जब आप सिचुएशन को अलग एंगल से देखते हैं तो गुस्सा तुरंत शांत हो जाता है.
प्रोफेशनल हेल्प लेना जरूरी
अगर आपका गुस्सा किसी के साथ आपके रिश्ते, हेल्थ या करियर को अफेक्ट कर रहा रहा है तो यह सिग्नल है कि आपको एक प्रोफेशनल की हेल्प चाहिए. साइकोलॉजिस्ट और थेरेपिस्ट की मदद से एंगर मैनेजमेंट थेरेपी ली जा सकती है, जो लंबे समय तक कारगर साबित होती है.
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Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.