Premanand Ji Maharaj: सड़क किनारे भीख मांगते बच्चों और महिलाओं को देखकर मन में सवाल उठता है कि क्या उन्हें दान देना उचित है या नहीं. प्रेमानंद जी महाराज बताते हैं कि ऐसे हालात में विवेकपूर्वक निर्णय लें और पैसों की बजाय भोजन या वस्त्र देकर ही सच्ची मदद करें.
Premanand Ji Maharaj: सड़क किनारे या ट्रैफिक सिग्नल पर बच्चों और महिलाओं को भीख मांगते हुए देखना आम बात हो गई है. कई बार तो महिलाएं अपनी गोद में छोटे बच्चे को लेकर लोगों से पैसे मांगती हुई नजर आती हैं. यह दृश्य देखकर हर किसी के मन में सवाल उठता है कि क्या इन्हें दान देना सही है? कहीं यह केवल दिखावा या धंधा तो नहीं? फिर भी मन यह भी सोचता है कि अगर इन्हें सचमुच पैसों की आवश्यकता हो और हम मदद न करें तो क्या यह ठीक होगा? ऐसे ही प्रश्न अक्सर लोगों को उलझन में डाल देते हैं.
भीख मांगने वालों का सहयोग करें या नहीं?
इसी जिज्ञासा को लेकर एक भक्त ने प्रेमानंद जी महाराज से सवाल पूछा. भक्त ने कहा कि रास्ते में स्वस्थ और सक्षम लोग भी भीख मांगते नजर आते हैं, जबकि वे काम करके जीवनयापन कर सकते हैं. तो क्या हमें उन्हें सहयोग करना चाहिए या नहीं?
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प्रेमानंद जी महाराज ने क्या कहा?
इस सवाल का जवाब देते हुए प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि ऐसे व्यक्तियों को पैसे देते समय सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि यह निश्चित नहीं है कि वे उस धन का सही उपयोग करेंगे. संभावना है कि वे उसे नशे, जुए, मांस-मदिरा या तंबाकू जैसी हानिकारक चीजों पर खर्च कर दें. इस प्रकार दिया गया दान उनके पतन का कारण बन सकता है और आपकी सहायता भी अप्रत्यक्ष रूप से गलत कर्म में बदल सकती है.
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इस तरह करें मदद
प्रेमानंद जी महाराज ने आगे समझाया कि अगर किसी की सच्ची मदद करनी हो, तो पैसे देने की बजाय भोजन, कपड़े या जरूरी सामग्री देना बेहतर है. ऐसा करने से न केवल उनकी तत्काल जरूरत पूरी होगी बल्कि दान का पुण्य भी मिलेगा. इस प्रकार का सहयोग धर्म सम्मत है और इससे देवी-देवताओं का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है. इसलिए, दान देते समय विवेक का प्रयोग आवश्यक है. मदद हमेशा ऐसी होनी चाहिए जिससे व्यक्ति का भला हो और दान का सही उपयोग हो सके. यही सच्चा पुण्य माना गया है.
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