Intermittent Fasting: खराब लाइफस्टाइल के कारण आजकल वजन और मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रहा है. इसे निजात पाने के लिए कुछ लोग अपनी डाइट में कटौती करते हैं तो कुछ इंटरमिटेंट फास्टिंग करते हैं. लोग इसे वजन घटाने के अलावा ब्लड शुगर कंट्रोल और शरीर को डिटॉक्स करने के लिए अपनाते हैं. मशहूर दैनिक अखबार दैनिक जागरण ने इस बारे में एक रिपोर्ट पब्लिश की है. जिसमें उन्होंने एक स्टडी का हवाला देते हुए इसे खतरनाक बताते हुए मौत के बीमारी की वजह की चेतावनी दी है.
इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है?
इंटरमिटेंट फास्टिंग का मतलब है दिन में एक तय समय तक खाना और बाकी समय पूरी तरह उपवास रखना. कुछ लोग 12 घंटे खाते हैं और 12 घंटे उपवास रखते हैं, तो कुछ 10 घंटे का “ईटिंग विंडो” चुनते हैं. सबसे ज्यादा चर्चा 16:8 पैटर्न की होती है, जिसमें लोग 16 घंटे उपवास रखते हैं और सिर्फ 8 घंटे में खाना खाते हैं.
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स्टडी का दावा
जर्नल Diabetes and Metabolic Syndrome में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार, जो लोग रोजाना सिर्फ 8 घंटे से कम समय तक खाते हैं, उनमें दिल की बीमारी से मौत का खतरा 135 प्रतिशत ज्यादा पाया गया. इसका मतलब है कि लगातार 16 घंटे उपवास रखने वाले लोगों में हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी बीमारियों से मौत की संभावना दोगुनी हो सकती है. ये नतीजे लगभग 19,000 अमेरिकी वयस्कों पर किए गए सर्वे (US National Health and Nutrition Examination Survey) पर आधारित हैं.
क्या सिर्फ दिल की बीमारी पर असर?
इस अध्ययन में इंटरमिटेंट फास्टिंग का कैंसर या अन्य कारणों से मौत पर कोई खास असर नहीं मिला, लेकिन दिल और आर्टरीज से जुड़ी बीमारियों में इसका खतरा लगातार देखा गया, चाहे लोगों को नस्ल, आर्थिक स्थिति या जीवनशैली के हिसाब से अलग-अलग समूहों में क्यों न बांटा गया हो.
इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे और नुकसान
अब तक की रिसर्च बताती रही है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग से:
वजन कम हो सकता है
ब्लड प्रेशर कंट्रोल में मदद मिलती है
सूजन (Inflammation) कम हो सकती है
शुगर और कोलेस्ट्रॉल लेवल बेहतर हो सकते हैं
लेकिन दूसरी ओर लंबे समय तक इसे फॉलो करने से
पोषण की कमी
चिड़चिड़ापन और सिरदर्द
ज्यादा भूख और थकान
डाइट को लंबे समय तक न निभा पाने जैसी समस्याएं सामने आई हैं
शोधकर्ताओं की चेतावनी
स्टडी के प्रमुख लेखक विक्टर वेन्जे झोंग का कहना है कि अभी इंसानों पर लंबी अवधि के अध्ययन मौजूद नहीं हैं. इसलिए सिर्फ दिल की सेहत या लंबी उम्र के लिए 16 घंटे का उपवास करना खतरनाक हो सकता है. यानी लोग बिना पूरी जानकारी के इसे लगातार सालों तक न अपनाएं.
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