Parenting Tips: आज के प्रतियोगिता भरे जमाने में बच्चे न सिर्फ पढ़ाई बल्कि खेल, कला और सामाजिक गतिविधियों में भी अव्वल आने का दबाव महसूस करते हैं. यह दबाव कई बार इतना अधिक हो जाता है कि बच्चा मानसिक रूप से थकान और तनाव से जूझने लगता है. लेकिन अक्सर माता-पिता इसे ‘नॉर्मल’ समझकर नजरअंदाज कर देते हैं. अगर आप अपने बच्चे को समझदारी से संभालना चाहते हैं, तो इन संकेतों पर जरूर ध्यान दें.
पढ़ाई या प्रदर्शन से बचने की कोशिश
अगर बच्चा अचानक स्कूल जाने से कतराने लगे, या फिर टेस्ट, एग्जाम, या स्टेज परफॉर्मेंस से घबराने लगे तो यह संकेत है कि आपका बच्चा प्रदर्शन से पहले ही उनका आत्मविश्वास गिर चुका है.
बार-बार सिर दर्द या पेट दर्द की शिकायत
तनाव का असर अक्सर शारीरिक रूप में सामने आता है. बार-बार सिर या पेट में दर्द होना, नींद न आना, या भूख कम लगना मानसिक तनाव के लक्षण हैं.
Also Read: बच्चों से बात करते समय भूलकर भी न कहें ये 5 बातें, वरना टूटेगा मनोबल, जानें सही तरीका
खुद को दूसरों से कम समझना
अगर बच्चा बार-बार खुद की तुलना दूसरों से कर रहा हो और खुद को ‘कमतर’ माने, तो यह संकेत है कि वह अपने प्रदर्शन को लेकर दबाव में है.
छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा या चिड़चिड़ापन
जब बच्चा छोटी बातों पर गुस्सा करने लगे या हर बात में चिढ़चिढ़ापन दिखाए, तो यह उसके भीतर के दबाव का संकेत हो सकता है.
हंसमुख स्वभाव का बदल जाना
एक खुशमिजाज बच्चा अगर अचानक शांत, गुमसुम या अकेला रहने लगे, तो यह चिंता की बात है. यह बदलाव मानसिक दबाव की वजह से हो सकता है.
माता-पिता क्या करें?
- बच्चे की बातों को गंभीरता से सुनें और उसकी तुलना किसी से न करें.
- उसे समझाएं कि हर किसी की क्षमता अलग होती है और गलती करना सामान्य है.
- पढ़ाई के अलावा खेल, मस्ती और आराम को भी महत्व दें.
- अगर समस्या बढ़ती जाए तो काउंसलर या मनोवैज्ञानिक की मदद जरूर लें.
Also Read: Parenting Tips: ‘ना’ सुनते ही बच्चा करने लगे Emotional Blackmail? इन 5 आदतों को तुरंत बदलें, वरना भारी पड़ेगा