EBM News Hindi
Leading News Portal in Hindi

इन 5 लोगों को पैसा दिया तो बर्बादी तय, जीवन भर छाती पीट पीटकर रोएंगे


Chanakya Niti: जिंदगी में पैसे की किल्लत हर किसी को कभी न कभी हो ही जाती है. ऐसे में लोग वे अपने आस पड़ोस या दोस्त यार से पैसे उधार लेते हैं. लेकिन आचार्य चाणक्य जो महान कूटनीतिज्ञ और नीतिशास्त्र के अच्छे ज्ञाता माने जाते हैं उन्होंने धन के सदुपयोग संचय और खर्च को लेकर कई महत्वपूर्ण सलाह दी है. इसमें उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि किन लोगों को धन देने से बचना चाहिए. उनका मानना है कि गलत लोगों को पैसे देने से न सिर्फ धन का नुकसान होता है बल्कि जीवन में परेशानियां भी बढ़ जाती है. आइए जानते हैं, चाणक्य नीति के अनुसार किन लोगों को भूलकर भी पैसे नहीं देने चाहिए.

Also Read: पैसों की तंगी है या फिर विवाह में आ रही बाधा, हल्दी से होगा 4 समस्याओं का समाधान बस जान लें तरीका

बुरे चरित्र वाले लोग

चाणक्य नीति के अनुसार, बुरे चरित्र वाले व्यक्तियों धन देना विपत्तियों को मोल लेने के समान हैं. उन्होंने बताया है कि जो लोग अनैतिक कार्यों में लिप्त होने के साथ साथ धोखाबाजी में माहिर होते हैं उन्हें कभी पैसा नहीं देना चाहिए. क्योंकि ऐसा करने से न सिर्फ आपका पैसा बर्बाद होता है बल्कि कई बार आप इस वजह से मुसीबत में फंस सकते हैं.

असंतुष्ट और हमेशा दुखी रहने वाले लोग

चाणक्य नीति में यह स्पष्ट कहा गया है कि हमेशा असंतुष्ट रहने और जीवन में नकारात्मक दृष्टिकोण रखने वाले लोगों को कभी पैसा नहीं देना चाहिए. क्योंकि ऐसे लोग आपके पैसों की कभी कद्र नहीं करते हैं न ही वे कभी भी संतुष्ट होते हैं. चाणक्य के अनुसार, ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखना ही समझदारी है, क्योंकि इनके साथ रहने से आपका मन भी नकारात्मकता से भर सकता है.

मूर्ख और गैर-जिम्मेदार लोग

आचार्य चाणक्य मूर्ख और गैर-जिम्मेदार लोगों को धन देने से मना करते हैं. क्योंकि ऐसे लोग सही गलत का भेद नहीं कर पाते हैं और आपके पैसों का गलत चीजों पर इस्तेमाल करते हैं. चाणक्य की मानें तो मूर्ख व्यक्ति किसी की सलाह को नहीं मानता और अपने मनमाने तरीके से कार्य करता है. ऐसे में, उन्हें धन देकर सहायता करना न केवल व्यर्थ है, बल्कि यह आपके लिए परेशानी का कारण भी बन सकता है.

नशे में लिप्त लोग

चाणक्य नीति में नशे की लत में डूबे लोगों को धन देने से सख्त मना किया गया है. ऐसे लोग नशे के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं और धन का दुरुपयोग करते हैं. वैसे भी नशेड़ी लोग अक्सर सही-गलत का भेद नहीं कर पाते हैं. आचार्य चाणाक्य के अनुसार ऐसे लोगों को पैसा देना पानी में धन बहाने के समान हैं. क्योंकि वे इसका उपयोग अपनी लत की पूर्ति के लिए ही करते हैं.

धन का अहंकार करने वाले लोग

चाणक्य नीति में यह भी कहा गया है कि जो लोग अपने धन का अहंकार करते हैं, उन्हें पैसा देना उचित नहीं है. ऐसे लोग धन का सम्मान नहीं करते और इसे गलत तरीकों से खर्च करते हैं. चाणक्य के अनुसार, धन का अहंकार करने वाले लोग जल्द ही कंगाली की कगार पर पहुंच जाते हैं. उनकी सहायता करना आपके धन की बर्बादी के साथ-साथ आपके समय और ऊर्जा का भी अपमान है.

Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स पर छपी लेख के आधार पर बनाया है. प्रभात खबर किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है.

Also Read: Kofta Curry Recipe: रेस्टोरेंट जैसा स्वाद अब आपके हाथों में, इस तरह घर पर आसानी से बनाएं कोफ्ता करी