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Attachment ही आत्मबोध में सबसे बड़ी रुकावट है जानें इससे कैसे रहें दूर


Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा का कहना है कि ‘लगाव आत्मबोध की सबसे बड़ी बाधा है’, जानें इस प्रेरणादायक विचार का अर्थ और इससे कैसे रहें दूर.

Neem Karoli Baba, जिन्हें बाबा नीब करौरी के नाम से भी जाना जाता है, एक दिव्य संत और अध्यात्मिक गुरु थे जिनके अनुयायी भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी फैले हुए हैं. उनके विचार और उपदेश आज भी लाखों लोगों के जीवन को दिशा देते हैं. बाबा के अनुसार, Attachment is the strongest block to realization, यानी ‘लगाव आत्मबोध की सबसे बड़ी बाधा है’. इस कथन में जीवन का गहरा सत्य छिपा है.

नीम करोली बाबा के प्रेरणादायक विचार | Neem Karoli Baba Motivational Quotes

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  1.  “Attachment is the strongest block to realization.”
  2.  “सब कुछ भगवान का है, तुम्हारा कुछ नहीं.”
  3.  “सच्चा प्रेम वही है जो बिना शर्त हो.”
  4.  “दूसरों की सेवा ही ईश्वर की सच्ची पूजा है.”
  5.  “जहां आत्मा है, वहीं परमात्मा है.”

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Attachment क्या है और यह क्यों नुकसानदायक है?

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Attachment यानी किसी चीज, व्यक्ति या विचार से अत्यधिक जुड़ाव. जब हम किसी से जरूरत से ज्यादा जुड़ जाते हैं, तो हमारा मन वहीं अटक जाता है. यही मानसिक बंधन हमें आत्मज्ञान, शांति और मुक्ति से दूर कर देता है.

नीम करोली बाबा कहते थे कि जब तक आप चीजों से, लोगों से या अपने विचारों से चिपके रहेंगे, तब तक आप सच्चे ज्ञान और शांति की प्राप्ति नहीं कर सकते.

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Attachment से कैसे रहें दूर?

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  •  स्वीकृति का अभ्यास करें: जो जैसा है, उसे वैसे ही स्वीकार करना सीखें.
  •  मेडिटेशन करें: ध्यान से मन शांत होता है और आत्मिक जागरूकता बढ़ती है.
  •  सेवा करें: दूसरों की सेवा करने से हम अपने अहंकार और लगाव को त्यागते हैं.
  •  दैनिक जीवन में संतुलन रखें: भावनात्मक जुड़ाव और मानसिक स्थिरता के बीच संतुलन बनाएं.
  •  निश्चित करें कि आपकी खुशी किसी एक व्यक्ति या वस्तु पर निर्भर न हो.

Neem Karoli Baba के इस विचार से हम समझ सकते हैं कि आत्मज्ञान की राह पर सबसे बड़ा रोड़ा हमारा अटैचमेंट है. अगर हम खुद को इससे मुक्त करना सीख लें, तो जीवन में शांति, प्रेम और सच्ची खुशी मिल सकती है.

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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.