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पास या फेल? भारत की पहली मेनोपॉज फिल्म, काम्या पंजाबी की दमदार एक्टिंग को मिले इतने स्टार


Me No Pause Me Play Review: भारत की पहली मेनोपॉज पर आधारित फीचर फिल्म ‘मी नो पॉज मी प्ले’ अब सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है और इसने रिलीज के साथ ही एक नया इतिहास रच दिया है. समाज के उस दौर पर बात करना, जिसे अक्सर छुपाया जाता है, यह फिल्म बड़ी हिम्मत और संवेदनशीलता के साथ सामने लाती है. निर्माता मनोज कुमार शर्मा और निर्देशक समर के मुखर्जी ने इस विषय को न सिर्फ समझदारी से पेश किया, बल्कि इसे दर्शकों तक भावनात्मक रूप में पहुंचाया है. फिल्म को क्रिटिक्स की ओर से 3.5 स्टार मिले हैं.

कहानी का सार- संघर्ष, रिश्ते और नई उम्मीद

कहानी डॉली खन्ना (काम्या पंजाबी) के इर्द–गिर्द घूमती है, जो मेनोपॉज के शारीरिक और मानसिक उतार-चढ़ाव से जूझ रही हैं. इस बीच उनके पति रजत खन्ना (मनोज कुमार शर्मा) से रिश्ते भी टूटने की कगार पर पहुंच जाते हैं.

इसी मुश्किल वक्त में डॉली की जिंदगी में आती हैं डॉ. जसमोना (दीपशिखा नागपाल), जो सिर्फ डॉक्टर ही नहीं बल्कि उनकी लाइफ को दिशा देने वाली ताकत बन जाती हैं. रिश्तों, गलतफहमियों और आत्मखोज की यह कहानी दर्शकों को पूरी फिल्म पकड़े रखती है.

शानदार स्टार कास्ट

  • काम्या पंजाबी – डॉली का किरदार पूरी शक्ति, दर्द और संवेदनशीलता के साथ निभाया.
  • दीपशिखा नागपाल – फिल्म की असली रीढ़, कम्पैशन और पॉजिटिव एनर्जी से भरा किरदार.
  • मनोज कुमार शर्मा – पति के रोल में सहज, वास्तविक और रिलेटेबल परफॉर्मेंस.

सहायक भूमिकाओं में अमन वर्मा, करण छाबड़ा और स्तुति विंकले ने फिल्म में दम भरा. संगीतकार संतोष पुरी और शिवांग माथुर द्वारा दिया गया संगीत कहानी को और इमोशनल बनाता है.

एक्टिंग और निर्देशन – दमदार और इमोशनल

काम्या पंजाबी ने डॉली के भीतर छिपे डर, टूटन, गुस्से और उम्मीद को इतनी सच्चाई से निभाया है कि कई महिलाएं खुद को उस किरदार में देख सकती हैं. दीपशिखा नागपाल की स्क्रीन प्रेजेंस फिल्म में ऊर्जा भरती है.

निर्देशक समर के मुखर्जी ने इस विषय को मनोरंजन की हल्की परत के साथ संवेदनशील रूप में संभाला है. उनकी डायरेक्शन फिल्म को संदेशात्मक और देखने योग्य बनाती है.

मेनोपॉज पर निर्देशक और निर्माता का रिएक्शन

निर्देशक समर के मुखर्जी का कहना है, “मेनोपॉज पर बात करने से लोग आज भी झिझकते हैं. यह फिल्म उसी झिझक को तोड़ने की शुरुआत है.”

निर्माता मनोज कुमार शर्मा ने कहा, “काम्या पंजाबी की वजह से यह फिल्म इस रूप में बन पाई. यह फिल्म महिलाओं को सशक्त बनाएगी.”

निष्कर्ष – ‘Me No Pause Me Play’ सिर्फ फिल्म नहीं, एक पहल

यह फिल्म संवेदनशील, प्रभावशाली और सामाजिक तौर पर बेहद जरूरी है. काम्या पंजाबी की शानदार एक्टिंग और साहसिक विषय इसे एक मस्ट-वॉच बनाते हैं.

रेटिंग: 3.5/5

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