chhath puja 2025:निर्देशक,लेखक और एक्टर शशि वर्मा इनदिनों नितिन चंद्रा निर्देशित भोजपुरी फिल्म छठ में बतौर अभिनेता नजर आ रहे हैं. यह फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म वेव्स पर स्ट्रीम हो रही है. इस फिल्म और उनके आनेवाले प्रोजेक्ट्स पर उर्मिला कोरी से हुई बातचीत
फिल्म का अब तक का रिस्पॉन्स कैसा मिला है ?
फिल्म का तीन अलग अलग जगह पर प्रीमियर हुआ था. मुंबई,दिल्ली और पटना. तीनों जगह फिल्म को कमाल का रिस्पॉन्स मिला. पटना के प्रीमियर में मैं अपने पापा को लेकर गया था. यह पहला मौका था जब वह मेरी किसी फिल्म के प्रीमियर का हिस्सा बनें. फिल्म देखते हुए वह अपने आंसू को रोक नहीं पा रहे थे. वही नहीं बल्कि स्क्रीनिंग में कई लोग द्रवित हो गए थे. यह एक इमोशनल पारिवारिक कहानी तो है ही,लेकिन इससे जो छठ पूजा जुड़ा है.वह लोगों को और इमोशनल कर गया.
फिल्म से जुड़ना किस तरह से हुआ ?
फिल्म का शीर्षक ही इससे जोड़ने के लिए काफी है. छठ शब्द सुनते ही मैं भाव बिभोर हो जाता हूं. बिहार से हूं तो इतनी यादें ताजा हो जाती हैं. मेरे घर पर शुरुआत में छठ नहीं होता था.पड़ोस की चाची करती थी. छठ से इस कदर जुड़ाव था कि हर साल बिहार पहुंच जाता था. अब तो मेरी मां भी करती हैं.मैंने अपने बच्चों को भी यह कह रखा है कि छठ पर बिहार सबको आना है और पूरे परिवार के साथ इस महापर्व से जुड़ना है. खैर फिल्म पर आये तो नितिन चंद्रा ने मुझे फ़ोन किया और भोजपुरी में ही कहा कि हमनी के एक फिल्म लिखनी. मैंने कहा कि अच्छा इस बार क्या नया लेकर आ रहे हैं तो उन्होंने बताया कि हम छठ करके एक फिल्म बनाने जा रहे हैं.मैंने कहा कि कहानी भेजिए. वाकई कहानी इतनी मार्मिक लगी कि हमने तुरंत कह दिया कि हम ये फिल्म कर रहे हैं.ये फिल्म संयुक्त परिवार को साथ लेकर चलती है. फिल्म को करने का एक मकसद ये भी था कि बिहारी होने के नाते अपनी मातृभाषा के लिए भी कुछ करूं तो जब भी कुछ करने का मौका मिलता है तो मैं जुड़ जाता हूं.
नितिन ने बताया कि इस फिल्म की शूटिंग बहुत मुश्किल थी ?
बजट सीमित होता है तो आपको सीमित दिनों में फिल्म करनी होती है. वो भी मौसम को झेलते हुए बहुत गर्मी थी और परदे पर हमें ठण्ड दर्शाना था. भीषण गर्मी में हमने ठण्ड के कपडे पहनकर शूटिंग की, लेकिन अगर सिनेमा के लिए आप प्रतिबद्ध हैं तो आपको ऐसे ही काम करना होगा. हमने ये फिल्म नितिन के लिए नहीं सिनेमा के प्रति जूनून के लिए की है.
वेव्स प्लेटफार्म को किस तरह देखते हैं ?
कोरोना के बाद अधिकतर सिंगल थिएटर बंद हो गए. जिस तरह की भोजपुरी फिल्में लोग थिएटर देखने जाते हैं. वो दर्शक छठ जैसी पारिवारिक फिल्म देखने थिएटर नहीं जाएंगे. ऐसे मैं प्रसार भारती का साधुवाद करता हूं कि उन्होंने इस तरह के प्लेटफार्म की कल्पना की है. जहाँ पर ऐसी फिल्मों को मौक़ा दिया जा रहा है, जो समाज के लिए जरुरी है .नितिन जिस तरह से बाजारवाद के खिलाफ जाकर फिल्में बना रहे हैं. उनके लिए यह प्लेटफार्म बहुत बड़ा सपोर्ट है. इससे लोगों को भोजपुरी में अच्छा करने की प्रेरणा मिलेगी.लोग भोजपुरी में भी मीनिंगफुल सिनेमा बनाएंगे क्योंकि दर्शकों तक पहुँचने के लिए वेव्स जैसा प्लेटफॉर्म है.
आने वाली फिल्में ?
मैं निर्देशक और लेखक के तौर दिनेश लाल यादव निरहुआ के साथ बच्चों की एक हिंदी फिल्म बना रहा हूं. जिसकी शूटिंग अगले महीने से झारखण्ड में शुरू होगी. इस फिल्म में दिनेश लाल यादव निरहुआ बिलकुल अलग अंदाज में नजर आएंगे. उनको अब तक किसी ने भी ऐसे अवतार में नहीं देखा होगा.हिंदी के साथ -साथ झारखंड की भाषा नागपुरी में भी हम ये फिल्म बनाएंगे.