vikkas manaktala :टेलीविजन के परिचित चेहरों में से एक विकास मनकतला इन दिनों वेब सीरीज ‘स्पेशल ऑप्स 2’ में एजेंट अभय सिंह की भूमिका को लेकर सुर्खियों में हैं.इस शो से उन्होंने ओटीटी पर डेब्यू किया है. उन्होंने इस सीरीज और अपनी एक्टिंग जर्नी पर उर्मिला कोरी से खुलकर बात की.
‘लेफ्ट राइट लेफ्ट’ में अमर हुड्डा से लेकर ‘स्पेशल ऑप्स 2’ में अभय सिंह तक
यह 19 साल का एक लंबा सफर रहा है. यह एक खूबसूरत जर्नी रही है, पर उतार-चढ़ाव से भरी हुई. ‘स्पेशल ऑप्स’ से पहले कई ओटीटी शो ऑफर हुए थे. सब कुछ फाइनल हो जाता था, पर फिर शो बंद हो जाते थे. इंतजार दिन से महीने और फिर साल में बदल गये. कई बार ऐसा लगा कि इंडस्ट्री छोड़ दूं, पर दोस्तों, फैन्स और मेरे आराध्य शिव का साथ हमेशा रहा. मैं इसे भोले बाबा की कृपा मानता हूं, क्योंकि उन्होंने मेरे लिए सबसे बेस्ट रखा था. मैं हमेशा से नीरज सर के साथ काम करना चाहता था और आज मैं बेहद ग्रेटफुल हूं कि भगवान ने यह भी संभव कर दिया.
भावुक होकर कास्टिंग डायरेक्टर को लगा लिया गले
इस सीरीज से मेरा जुड़ाव ऑडिशन के जरिये हुआ. मुझे सिर्फ इतना बताया गया था कि इस सीजन में एक नया किरदार होगा. उसके अलावा मुझे कुछ नहीं पता था. मैं तुषार और शुभम का शुक्रगुजार हूं, जो इस प्रोजेक्ट के कास्टिंग डायरेक्टर थे. पहले ऑडिशन के बाद मुझे नीरज सर के ऑफिस बुलाया गया, जहां मेरे साथ शुभम और तुषार भी मौजूद थे. मीटिंग के बाद शुभम मेरे पास आये और बोले, ‘तू फाइनल है.’ मैं इतना इमोशनल हो गया कि उन्हें गले लगा लिया.
जैक रिचर से करते हैं तुलना
मेरी लाइफ पार्टनर गुंजन मुझे गिरगिट कहती हैं. उनका मानना है कि जैक रिचर की तरह हर किरदार में मेरी अलग दिखने की कोशिश रहती है. जब किसी दूसरे एक्टर से मेरी तुलना होती है, तो मैं इसको पॉजिटिव लेता हूं, क्योंकि आप अच्छा कर रहे हैं, तो ही लोग आपकी तुलना इतने बड़े स्टार्स से रहे हैं.
अभय के किरदार के लिए 10 किलो वजन बढ़ाया
इस किरदार से जुड़ी तैयारियों की बात करूं, तो सबसे पहले मैंने अभय की मेंटल स्ट्रेंथ को समझने की कोशिश की. उसके बाद उसकी फिजिकल स्ट्रेंथ पर काम किया. मैंने साढ़े 10 किलो वजन बढ़ाया था. खान-पान से लेकर ट्रेनिंग तक हर चीज पर मेहनत करनी पड़ी, क्योंकि वजन बढ़ने के बाद बॉडी स्टिफ हो जाती है. फिर आपको उस हिसाब से ट्रेनिंग करनी पड़ती है. हैंड-टू-हैंड कॉम्बैट, एमएमए सहित कई तरह की ट्रेनिंग्स से गुजरना पड़ा. एक-दो टेक में पूरे हो गये एक्शन सीक्वेंस इस सीरीज में मैंने जो कुछ भी किया, वह मुझे टफ नहीं लगा, क्योंकि टीम बेहद सिंक्रोनाइज थी. सबका फोकस सिर्फ अच्छे काम पर था. कई लोकेशन्स पर सीन ऑन-द-स्पॉट डिजाइन होते थे और एक-दो रिहर्सल में ही परफॉर्म करना होता था. इसके बावजूद टीम के साथ ट्यूनिंग इतनी अच्छी थी कि सबकुछ आसानी से हो जाता था. मैं बताना चाहूंगा कि सीरीज के सारे एक्शन सीक्वेंस एक-दो टेक में ही पूरे हो गये.
ओटीटी पर रहेगा फोकस
जिस तरह से मुझे रिस्पॉन्स मिल रहा है, मेरा फोकस ओटीटी होगा. अलग-अलग किरदार और मेकर्स के साथ काम करना चाहता हूं, लेकिन मैं एक बात ये भी मानता हूं कि कभी किसी चीज के लिए ना नहीं बोलना चाहिए . मैं टीवी के लिए भी ओपन हूं. देखते हैं भविष्य कहां ले जाता है.
आराध्य शिव की भक्ति से जुड़ा रहता हूं
शिवोहम एक मंत्र है, जिसमें मैं यकीन करता हूं. मुझे लगता है कि शिव मुझ में हैं और मैं शिव में हूं. कुछ इस तरह से मैं अपने भीतर उन्हें मानता हूं. जहां तक भक्ति दर्शाने की बात है, तो मैं महाशिवरात्रि पर उपवास रखता हूं. सोमवार समेत हफ़्ते में 4 दिन शाकाहारी रहता हूं. मेरे घर में एक खास जगह है, जहां मैं हर दिन थोड़े समय के लिए मेडिटेशन करता हूं, लेकिन मैं पूरे दिन ॐ और ॐ नमः शिवाय मंत्र से जुड़ा रहता हूं. चाहे मैं कुछ भी कर रहा हूं. यहां तक कि जब मैं जिम में ट्रेनिंग कर रहा होता हूं, तब भी मैं उनके गानों पर ट्रेनिंग कर रहा होता हूं, इसलिए मेरा मानना है कि मैं हर समय शिव से जुड़ा रहता हूं. मेरे कई पसंदीदा गाने शिव के स्त्रोत और भक्ति गीत हैं, जिन्हें मैं सुनता हूं और उनके साथ रहता हूं.