kavita kaushik :टीवी शो ‘एफआइआर’ में चंद्रमुखी चौटाला का किरदार निभाकर मशहूर हुई कविता कौशिक भगवान शिव की परम भक्त हैं. हैरानी की बात है कि उनकी पीठ पर शिव का टैटू है और उन्होंने अपनी शादी के लिए केदारनाथ धाम को चुना था. श्रावण मास के अवसर पर उन्होंने महादेव के प्रति अपनी आस्था व जुड़ाव को साझा किया है.उर्मिला कोरी से हुई खास बातचीत
बेहद पर्सनल चीज है भक्ति
मुझे लगता है भक्ति बेहद पर्सनल चीज होती है, और जैसे-जैसे गहरी होती है, उतनी ही निजी हो जाती है. जो लोग ईश्वर से सतही प्रेम करते हैं, वे भक्ति का प्रदर्शन करते हैं, उसे सड़कों और सोशल मीडिया तक ले आते हैं. मगर जब भक्ति लेन-देन से आगे बढ़कर प्रेम और विश्वास बन जाती है, तो वो भीतर की चीज हो जाती है. मैंने भी पहले टैटू और योग की तस्वीरें शेयर की थीं, पर अब शिव भक्ति को लेकर इतनी पजेसिव हूं कि श्रावण या शिवरात्रि पर भी उसे सोशल मीडिया पर साझा करना पसंद नहीं.
पिता से मिली शिव आराधना की प्रेरणा
मैंने अपने पिताजी से शिव आराधना की प्रेरणा ली थी. जब मैं छोटी थी, तो मैं देखती थी-पापा उठने के बाद से शिव जी के श्लोक बोलते थे. नहाते और पूजा करते हुए पूरे घर में उनके श्लोक गूंजते थे. उस समय से मैं शिव से जुड़ गयी थी, लेकिन मेरे पिता के कैंसर की बीमारी और उसके बाद उनकी मौत ने मुझे पूरी तरह से शिव भक्त बना दिया.
इसलिए केदारनाथ में की शादी…
पापा के जाने के आठ महीने बाद मैंने शादी के लिए केदारनाथ धाम को चुना. मुझे लगा, जब पापा ही नहीं हैं, तो भव्य शादी का क्या मतलब. पिताजी के जाने के बाद मैं बहुत खाली महसूस कर रही थी. मैं उनसे जुड़ी चीजों को शादी में शामिल करना चाहती थी. उत्तराखंड के उस गांव में गयी, जहां से मेरे पिताजी थे. वहां से लाल-हरी चूड़ियां लीं. मां को जो साड़ी-गहने उन्होंने दिये थे, वही पहने. लगा, पिता नहीं हैं तो क्या, परमपिता शिव तो हैं, इसलिए त्रियोगी नारायण मंदिर में शादी की, जहां शिव-पार्वती का विवाह हुआ था.
महादेव का टैटू बनवाने के पीछे ये थी वजह
मैंने शिव का टैटू तब बनवाया, जब पापा को कैंसर हुआ. पहले मैं बेपरवाह थी. बंजी जंपिंग, स्काइ डाइविंग जैसे एडवेंचर करती थी. मुझे लगता था, पापा हैं तो सब संभाल लेंगे, लेकिन उनके कैंसर ने जिंदगी की सच्चाई दिखा दी. तभी मैंने पीठ पर महादेव का टैटू बनवाया. मन में यह था कि पिता के तौर महादेव अब मेरी रक्षा करेंगे. हर वार और धोखे से मुझे बचायेंगे. मेरे साथ हैं महादेव मेरे पिताजी के जाने के बाद मेरे अंदर क्रोध इतना ज्यादा बढ़ गया था कि खुद को नुकसान पहुंचाने तक का ख्याल आता था. फिर मेरा पूरा जीवन बदल गया. मुझे लगता है कि मेरे पिताजी ऊपर जाकर महादेव के चरण पकड़ लिए होंगे कि मेरी बेटी को आप ठीक करो. अपने पिता के खोने के दुख और खुद से खोज निकालने के संघर्ष ने मुझे ये एहसास करवाया कि महादेव मेरे साथ हैं.
मंदिर नहीं, अच्छे कर्मों में हैं शिव
मैं सारे ज्योतिर्लिंग गयी हूं. शायद ही कोई मुझसे छूटा हो. मंदिर जाना, व्रत रखना ये सब भक्ति के तरीके हैं. मैं सबका सम्मान करती हूं. इसके बावजूद मैं यही कहूंगी कि महादेव मंदिर में नहीं, बल्कि अच्छे कर्मों में मिलते हैं.
एक्टिंग नहीं टीवी से बनायी है दूरी
बीते दिनों इन बातों का शोर था कि मैंने एक्टिंग को छोड़ दिया है तो यह गलत है.मैंने टीवी को अलविदा कहा है. एक्टिंग को नहीं। मुझे एक्टिंग में ख़ुशी मिलती है और मैं इन दिनों एक वेब सीरीज में एक्टिंग भी कर रही हूँ, जिसके बारे में मैं जल्द ही बात करूंगी लेकिन फिलहाल कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है तो बात नहीं कर सकती हूं। इसके अलावा मैं और मेरे पति स्किन और हेयर का आयुर्वेदिक प्रोडक्ट का बिजनेस भी कर रहे हैं।