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shashie verma :छोटे शहरों के उम्मीदों की कहानी है ‘भारत स्टार्टअप यात्रा’


shashie verma :वेव्स ओटीटी ने नया शो ‘भारत स्टार्टअप यात्रा’ घोषणा की गयी है. है, जिसे शशि वर्मा निर्देशित कर रहे हैं. बिहार से आने वाले शशि इस शो के जरिये छोटे शहरों के स्टार्टअप्स की प्रेरणादायी कहानियां सामने लाने वाले हैं, जिसे वे अपने निजी अनुभव से जोड़ते हैं.उर्मिला कोरी से हुई बातचीत

छोटे शहरों के स्टार्टअप पर शो

हमारे शो की निर्माता कंपनी अक्टूबर स्काई है. उनका ही आइडिया था कि स्टार्टअप पर शो बने. मैं बिहार से हूं, तो मुझे लगा कि इस बार छोटे शहरों की कहानी सामने आनी चाहिए. आमतौर पर लोग स्टार्टअप का मतलब मुंबई या बेंगलुरु समझते हैं. फिर आगे तय हुआ कि हम एक ऐसी यात्रा करेंगे, जिसमें हम शहर भी घूमें और शहर के उन उद्यमियों के बारे में भी बात करें, जो छोटे से बड़े हुए हैं. जिन्होंने अपने जन्मस्थान को अपनी कर्मभूमि में बदल लिया. आइडिया ऐसा रहा हो, जिसमें अपना भला भी हो और लोगो को भी रोजगार मिले.

ऋचा अनिरुद्ध और सनी हिंदुजा भी हैं हिस्सा

पहले सीजन में आठ एपिसोड रहेंगे. उद्यमियों को दिखाने साथ-साथ एक एपिसोड टेक्नोलॉजी के ऊपर होगा. टेक्नोलॉजी किस तरह से इन स्टार्टअप को सपोर्ट करती है. एक एपिसोड मास्टर क्लास का रॉनी स्क्रूवाला के साथ रहेगा. सभी उनको निर्माता के तौर पर जानते हैं, पर उनके कई स्टार्टअप भी हैं. वो अपनी मास्टर क्लास में अपने स्टार्टअप की सफलता ही नहीं कुछ असफल स्टार्टअप के बारे में भी बतायेंगे, ताकि लोगों को उससे भी मोटिवेशन मिले कि कहां गलती नहीं करनी है. इस शो का हिस्सा पत्रकार व इन्फ्लुएंसर ऋचा अनिरुद्ध भी होंगी. वहीं, सनी हिंदुजा शो में नरेटर की भूमिका में दिखेंगे. छोटे शहर में उनकी संदीप भैया वाली इमेज लोगों को बहुत मोटिवेट करती रही है.

पटना के स्टार्टअप को मिली है शो में जगह

इस सीजन शो के तीन शहर होंगे-कानपुर, पटना और जयपुर, जहां कुल नौ स्टार्टअप्स की प्रेरणादायक कहानियां दिखायी जायेंगी. पटना से तीन खास कहानियां हैं. शशांक, एक आइआइटी ग्रेजुएट हैं, जिन्होंने एमएनसी की नौकरी छोड़कर खेती को चुना. आज वे एक हजारों करोड़ की एग्रीटेक कंपनी के मालिक हैं. एक स्टार्टअप रोडबेज की कहानी है, जो शार्क टैंक में भी आ चुका है और तीसरी हनुमान एंबुलेंस सर्विस की है, जिसे डॉ नीरज ने चलाया है. उनका कहना था कि कोई आये ना आये हनुमान जरूर आयेगा.

शार्क टैंक से अलग है यह शो

शार्क टैंक से हमारा शो काफी अलग है. शार्क टैंक में आपने उद्यम शुरू किया है, तो आपको विस्तार के लिए इन्वेस्टर चाहिए. उसके लिए वह कार्यक्रम है. हमारा शो सिर्फ़ इस पर नहीं है. हां, इसका हिस्सा बनने के बाद इन्वेस्टर आपसे जुड़ेंगे, पर इस शो से सभी को मोटिवेट करने का मूल उद्देश्य है. सपना देखना छोड़ो मत जब तक पूरा ना हो रुको मत. जब ये कर सकते हैं, तो आप भी कर सकते हैं. अगर कोई भी हताश या निराश युवक इन कहानियों को देख लेगा तो वो उसको ये यकीन हो जायेगा कि वह भी अपना एक स्टार्टअप शुरू कर सकता है. कुछ इस तरह की प्रेरणादायक कहानियां हम लेकर आ रहे हैं.

यह शो पूरी तरह से नेचुरल है

निर्देशक के तौर पर इस शो से जुड़ी चुनौतियों पर बात करूं, तो यह नॉर्मल शो नहीं है. ये रियल लोग हैं और उनका रियल संघर्ष है. आप इनको स्क्रिप्ट नहीं दे सकते हैं. एक महिला उद्यमी तो जोर-जोर से रोने लगी थी. ये कहते हुए कि एक वक्त था, जब स्कूटी में पेट्रोल भरवाने के भी पैसे नहीं होते थे. यकीन नहीं होता कि आज करोड़ों की कंपनी की मालकिन हूं. यह शो पूरी तरह से नेचुरल है. उद्यमियों की कहानी ही नहीं, उनकी प्रस्तुति भी.

झारखंड के उद्यमियों को लायेगा अगला सीजन

मैं बताना चाहूंगा कि यह भारत स्टार्टअप यात्रा जारी रहने वाली है, क्योंकि ऐसा तो नहीं है कि आप एक बार शहर घूम कर गये तो फिर वहां पर कोई और उद्यमी बनेगा नहीं. जून में ही हम इसके अगले सीजन की शूटिंग के लिए जा रहे हैं. इस बार झारखंड, बनारस जैसे छोटे शहरों पर फोकस रहेगा