EBM News Hindi
Leading News Portal in Hindi

Coronavirus: दुनिया में अच्छी खबरें भी दे रहा है ‘लॉकडाउन’, जानें क्या क्या हुआ बेहतर

नई दिल्ली। चीन और अमेरिका जैसे विशाल देश हों या सिंगापुर जैसा सिटी नेशन। कोरोना वायरस ने सभी को लॉकडाउन के लिए मजबूर कर दिया है। लॉकडाउन शब्द तनाव के साथ नीरसता का भाव पैदा करता है। इस समय दुनिया की दो तिहाई आबादी इससे प्रभावित है। अफ्रीका व दक्षिण अमेरिका के कुछ देशों को छोड़कर ज्यादातर एशियाई, यूरोपीय देश लॉकडाउन झेल रहे हैं। इससे अरबों डॉलर की चपत लग रही है। लेकिन लॉकडाउन से सब खराब हो रहा हो, ऐसा भी नहीं है। इस दौरान कई सकारात्मक चीजें भी हुईं। अब तो कंक्रीट के जंगल में भी चिड़ियों की चहचहाहट सुनाई दे रही है। है। लंदन के एक अंग्रेजी वेबसाइट ‘बीबीसी’ के अनुसार जानें दुनिया में लॉकडाउन से क्या क्या बेहतर हुआ है।

कम हो गया प्रदूषण : सबसे पहले चीन ने वुहान को लॉकडाउन किया और फिर आस-पास के प्रदेशों को। चीन का प्रदूषण विश्वव्यापी समस्या बन गया था। गहरी धुंध जनजीवन को प्रभावित कर रही थी। लॉकडाउन से फैक्ट्रियां बंद हुई और गाड़ियां भी। नतीजा सुखद रहा। प्रदूषण खत्म हो गया, खासकर नाइट्रोजन ऑक्साइड का। नासा ने ट्वीट करके बताया कि चीन के प्रदूषण में 50 फीसद से ज्यादा की कमी आई है। भारत में भी जनता कफ्र्यू और सोमवार के लॉकडाउन में इसे महसूस किया गया। दिल्ली से लेकर कोलकाता तक पीएम 2.5 के स्तर में गिरावट दर्ज की गई।

साफ हो गईं वेनिस की नहरें : पर्यटकों का प्रिय शहर वेनिस धीमी मौत मर रहा था। क्रूज, स्टीमर और दूसरे जलयानों व पर्यटकों के भारी दबाव से नहरें सिल्ट से भर गई थीं। कई ऐतिहासिक इमारतों की नींव में पानी भर रहा था, महज 15-16 दिन के लॉकडाउन से शहर की स्थिति बदल गई। नहरें दोबारा नीली दिखाई देने लगीं। यहां तक मछलियां भी नहरों में दशकों बाद दिखाई दीं।

उदारता और मानवता की भावना : लॉकडाउन के बीच तमाम लोग मदद को आगे आए। न्यूयॉर्क में 1300 लोगों ने 72 घंटे तक जरूरतमंदों तक दवाएं और राशन पहुंचाया। ऐसी ही खबरें ब्रिटेन, फ्रांस और इटली से भी आईं। यहां भी लोग दूसरों की मदद को आगे आए। ऑस्ट्रेलिया के मॉल में बुजुर्गों के लिए अलग काउंटर बनाए गए, ताकि वे भीड़ में न फंसें। स्पेन, इटली जैसे यूरोपीय देशों में दान करने वालों की संख्या बढ़ गई है।

सामाजिक ताना-बाना हुआ मजबूत : हमने स्पेन, इटली की तस्वीरें देखीं, जहां लोग अपनी बालकनी से ही एक-दूसरे को ढांढस बंधाने के लिए गिटार बजा रहे या गाना गा रहे हैं। वे स्वास्थ्य कर्मियों का अभिवादन भी कर रहे हैं। ऐसी ही तस्वीरें हमें अपने देश में रविवार को देखने को मिलीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर जनता कफ्र्यू के दौरान लोगों ने अपने घरों की बालकनी में आकर आपातकालीन सेवाएं दे रहे लोगों के अभिवादन के लिए ताली, थाली व घंटे बजाए। स्वास्थ्य कर्मियों के सम्मान में काफी बढ़ोतरी देखी गई है। पूरी दुनिया के लोग सोशल मीडिया पर डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ की फोटो पोस्ट कर रहे हैं।