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ICMR का दावा, लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग से Coronavirus में आ सकती है 89% की कमी

नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर पूरे भारत में आज से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन का एलान कर दिया है। विशेषज्ञों और देश के प्रमुख स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान (ICMR) ने भी सोशल डिस्‍टेंसिंग और लॉकडाउन को कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सबसे बड़ा हथियार बताया है। आइसीएमआर के मुताबिक, अगर लॉकडाउन का पालन किया गया, तो ऐसा करने से कुल संभावित मामलों की संख्या 60 फीसद तक कम हो जाएगी। वहीं, इस तरह के मामले में सर्वाधिक 89 फीसद की कमी आएगी।

भारत में अबतक कोरोना वायरस के 536 मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि, हम अभी तक कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन की स्‍टेज में नहीं पहुंचे हैं। ये भी बता दें कि 35 लोग कोरोना वायसर को मात देकर ठीक भी हो चुके हैं। भारत में सिर्फ 10 लोगों की मौत कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण हुई है। आइसीएमआर के साथ-साथ कई सरकारी संस्‍थाएं कोविड-19 के प्रसार को रोकने के तरीकों को खोजने में जुटे हुए हैं। कोरोना वायरस के फैलने की रफ्तार की शुरुआती समझ के आधार पर आइसीएमआर ने जो गणितीय मॉडल तैयार किया है, उसके मुताबिक कोरोना वायरस के संदिग्ध लक्षणों वाले यात्रियों की प्रवेश के समय स्क्रीनिंग से अन्य लोगों में वायरस के संक्रमण को एक से तीन सप्ताह तक टाला जा सकता है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की। उन्‍होंने हाथ जोड़कर लोगों से प्रार्थन की है कि खुद को सुराक्षित रखने के लिए सिर्फ अपने घरों में रहें। यहीं, सबसे अच्‍छा तरीका कोरोना वायरस से लड़ने का है।