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एंटी एचआइवी दवा से ठीक हुई कोरोना वायरस से संक्रमित इतालवी महिला, जानें क्‍या है पूरा मामला

नई दिल्ली। जयपुर के एसएमएस अस्पताल में कोरोना वायरस से संक्रमित एक इतालवी महिला के एंटी एचआइवी दवाओं- लोपिनाविर और रिटोनाविर से ठीक होने का मामला सामना आया है।

एसएमएस अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक दी जानकारी

एसएमएस अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एस. मीणा ने बताया कि लोपिनाविर और रिटोनाविर देने का फैसला तब किया गया जब इतालवी व्यक्ति और उसकी पत्नी को सांस लेने में गंभीर परेशानी होने लगी। इतालवी व्यक्ति जो खुद एक डॉक्टर है, को आइसीयू में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है और उसकी हालत स्थिर है। उसकी पत्नी के भी कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी, वह अब ठीक है और उसे अन्य अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है।

प्रारंभिक तौर पर स्थानीय रूप से दी गईं एंटी एचआइवी दवाएं

उधर, स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि जयपुर में इतालवी दंपत्ति को एंटी एचआइवी दवाएं देने का फैसला ‘प्रारंभिक तौर पर स्थानीय रूप से’ किया गया। अधिकारियों ने कहा कि इस अस्पताल को भविष्य में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों को ऐसी दवाएं देने से पहले स्वास्थ्य मंत्रालय एवं भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) को सूचित करने को कहा गया है।

आइसीएमआर के प्रमुख ने कहा, संगठित इलाज की जरूरत

ऐसा पहली बार हुआ है कि भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच संक्रमित मरीजों का इलाज करने के लिए इन दोनों दवाओं का इस्तेमाल किया गया। आइसीएमआर में महामारी विज्ञान एवं संक्रामक रोग-1 के प्रमुख रमन आर. गंगाखेडकर ने कहा, ‘उन्होंने सोचा कि यह गंभीर बीमारी है एवं उन्होंने दोनों दवाएं शुरू कर दीं। लेकिन हमें उससे ज्यादा निष्कर्ष निकालने की जरूरत नहीं है क्योंकि किसी एक मरीज पर प्रयोग से ज्यादातर मामलों में सच्चाई पता नहीं चलती। हमें संगठित अध्ययन की जरूरत है।’

उन्होंने कहा, ‘जब तक हमारे पास बड़े आंकड़े नहीं होते, जो ऐसे परीक्षणों से आते हैं, तब तक हम कोई ज्यादा निष्कर्ष नहीं निकाल पाएंगे। लेकिन चूंकि यह दवा दी गई, हम इस पर अध्ययन में जुट गए हैं और यह देखने के लिए नियमित रूप से नमूने एकत्रित किए जा रहे हैं कि क्या यह दवा असरकारी है।’