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कोरोना वायरस को लेकर स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय हुआ सक्रिय, इतने समय में विकसित होगा टीका, दी जानकारी

नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखकर देश का स्वास्थ्य मंत्रालय भी सक्रिय हो गया है और इससे निपटने के लिए उसने टीका विकसित का अभियान छेड़ दिया है। इन सबके बावजूद स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि भारत को कोरोना वायरस का टीका विकसित करने में डेढ़ से दो साल का समय लगेगा।

स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने दी जानकारी

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के महामारी एवं संचारी रोग-1(ईसीडी-1) विभाग के अध्यक्ष रमन आर गंगाखेड़कर ने बताया कि पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआइवी) वायरस को पृथक करने में सफल हुआ है। उन्होंने कहा, ‘टीका बनाने के दो रास्ते हैं। पहला- आप वायरस की आनुवांशिकी संरचना का पता लगाएं और उसके आधार पर एंटीबॉडीज (प्रतिरक्षी) विकसित करें या दूसरा- वायरस को अलग कर उसके निदान का टीका विकसित करने का प्रयास करें जो हमेशा आसान विकल्प होता है।’

गंगाखेड़कर ने कहा, ‘वायरस को अलग करना मुश्किल है, लेकिन एनआइवी पुणे के वैज्ञानिकों की कोशिश सफल रही है और वायरस के 11 नमूने अलग किए गए हैं जो किसी भी शोध की प्राथमिक जरूरत हैं। हालांकि, टीका विकसित करने, उसके प्रायोगिक परीक्षण करने और मंजूरी देने में भी डेढ़ से दो साल का समय लगेगा।’

समुदाय में संक्रमण फैलने का मामला नहीं

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि ‘हमारे पास एक लाख वायरस परीक्षण किट हैं तथा और किट मंगाने के आदेश दिए गए हैं।’ मंत्रालय ने गुरुवार को लोगों से कहा कि वे वायरस पीडि़तों की संख्या बढ़ने से डरे नहीं, क्योंकि सरकार उससे निपटने के उपायों पर काम कर रही है। देश में परीक्षण की पर्याप्त सुविधाए हैं। मंत्रालय ने कहा कि अभी तक समुदाय में संक्रमण फैलने का मामला सामने नहीं आया है और स्थानीय स्तर पर संपर्क से ही वायरस संक्रमण के मामले सामने आए हैं।