Delhi Election 2020: 17 सालों में पहली बार कांग्रेस को हराकर इस सीट से जीती थी कोई महिला
नई दिल्ली । विश्व प्रसिद्ध चांदनी चौक के रण पर पूरे देश की निगाह रहती है, क्योंकि मुगल बादशाह शाहजहां की बेटी जहांआरा की बसाई इस नगरी का हर रंग निराला है। देश का प्रमुख कारोबारी हब होने के साथ ही हवेली, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारों और चर्च की मौजूदगी की वजह से यह साम्प्रदायिक सद्भाव की मिसाल है। 2015 के विधानसभा चुनाव में अलका लांबा ने इस सीट पर जीत दर्ज कर पहली महिला विधायक होने का गौरव हासिल किया।
प्रह्लाद सिंह साहनी के रूप में कांग्रेस का 17 सालों का मजबूत किला ध्वस्त करने वाली अलका लांबा अपने दबंग अंदाज और कामकाज में सक्रियता को लेकर पूरे कार्यकाल चर्चा में रहीं। हालांकि, अपने कार्यकाल के अंतिम समय में उनकी अपनी पार्टी से खटपट इतनी बढ़ गई कि वह आप छोड़कर कांग्रेस पार्टी में वापस लौट गईं।
वहीं, उनके प्रतिद्वंद्वी प्रह्लाद सिंह साहनी ने मौका देख कांग्रेस का हाथ छोड़ आप का दामन थाम लिया। चर्चा है कि साहनी खुद की जगह अपने बेटे पूरनदीप सिंह साहनी को इस बार चांदनी चौक के दंगल में उतार सकते हैं। साहनी कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चांदनी चौक से लगातार चार बार विधायक रहे। उनकी विधायकी का सफर वर्ष 1998 में शुरू हुआ था। उस समय 47.90 फीसद के साथ 24,348 वोट हासिल कर वह विधायक बने थे। इसके बाद 2003 में 59.91 फीसद 26744 जबकि, 2008 में 45.61 फीसद 28207 वोट लेकर जीत हासिल की थी।