भड़काऊ बयान के कारण फारूक, उमर, महबूबा को हिरासत में रखना पड़ा, वे नहीं हैं राष्ट्रविरोधी
नई दिल्ली, प्रेट्र। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि हिरासत में चल रहे पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को उन्होंने या सरकार में किसी ने भी ‘राष्ट्र विरोधी’ नहीं कहा है और उनकी रिहाई पर फैसला केंद्र शासित प्रदेश का प्रशासन करेगा।
गृह मंत्री ने एक समाचार चैनल की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कहा कि भड़काऊ बयान देने के कारण फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को ‘कुछ समय’ के लिए हिरासत में रखना पड़ा।
ऐसे बयानों से पाकिस्तान को अनुच्छेद 370 पर बहस करने का मौका मिला
शाह ने कहा, ‘कृपया उनके बयानों को देखिए। जैसे-अगर अनुच्छेद 370 को छुआ भी गया तो समूचा देश जल जाएगा। इन्हीं बयानों को देखते हुए कुछ समय के लिए उन्हें हिरासत में रखने का पेशेवर फैसला लिया गया। ऐसे बयानों से पाकिस्तान को अनुच्छेद 370 पर बहस करने का मौका मिला।’
उल्लेखनीय है कि तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं को पांच अगस्त को हिरासत में ले लिया गया था। उसी दिन केंद्र ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त कर राज्य को दो केंद्र शासित क्षेत्रों- जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में बांटने की घोषणा की थी।
शाह ने कहा कि कांग्रेस समेत हर कोई नेताओं को हिरासत में लिए जाने की बात कर रहा है। आश्चर्य है कि कांग्रेस ने फारूक अब्दुल्ला के पिता शेख अब्दुल्ला को 12 साल तक तमिलनाडु के कोडाइकनाल की जेल में रखा था। इतना ही नहीं इसने देशभर के 60,000 नेताओं को 19 महीने तक बंदी बनाकर रखा था। और ये लोग हमसे छह महीने के अंदर ही सवाल पूछने लगे।