Indian Railways: रेलवे में किराया वृद्धि के बाद अब यूजर चार्ज वसूलने का प्रस्ताव
नई दिल्ली। किरायों में एक से चार पैसे प्रति किलोमीटर की मामूली वृद्धि से आपरेटिंग रेशियो में भले ही सुधार हो जाए, लेकिन इससे रेलवे की खराब माली हालत में विशेष सुधार होने वाला नहीं है। इसलिए आने वाले समय में रेलवे अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए कुछ और कड़े कदम उठा सकती है। इनमें यात्रियों से स्टेशनों पर यूजर चार्ज की वसूली शामिल है।
रेलवे को 46 हजार करोड़ रुपये का घाटा
रेलवे को यात्री यातायात में अभी भी सालाना 46 हजार करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है। जबकि नए वर्ष से किराये में की गई 1-4 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी से उसे महज 2300 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। यानी इस तरह बढ़ोतरी से सिर्फ 5 फीसद घाटे की ही भरपाई होगी। बाकी 95 फीसद की भरपाई के लिए या तो उसे सरकार से बजटीय मदद लेनी पड़ेगी या फिर माल ढुलाई और किरायेतर उपायों का सहारा लेना पड़ेगा।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि किरायों में बढ़ोतरी का निर्णय डरते-डरते लिया गया है। पहले प्रति किलोमीटर 10 पैसे तक की बढ़ोतरी का प्रस्ताव था। लेकिन देश की मौजूदा राजनीतिक स्थितियों को देखते हुए इसे 4 पैसे पर सीमित करने का निर्णय लिया गया। ये निर्णय भी कैग की रिपोर्ट के दबाव में लिया गया है जिसमें बढ़ते आपरेटिंग रेशियो को लेकर सवाल उठाए गए थे। मौजूदा बढ़ोतरी के जरिए आपरेटिंग रेशियो को 95-96 फीसद के तर्कसंगत स्तर तक लाने में कामयाबी मिलेगी।