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टेक्निकल ग्लिच, 100 फ्लाइट कैंसिल, 500 लेट… सामने आई दिल्ली एयरपोर्ट अथॉरिटी की बड़ी लापरवाही


Technical Glitch in Delhi Airport System: दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (IGI) एयरपोर्ट पर टेक्निकल ग्लिच आया था, जिसकी चेतावनी जुलाई 2025 में ही एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स गिल्ड (ATC Guild) ने दे दी थी, लेकिन एयरपोर्ट अथॉरिटी ने चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया और लापरवाही बरती. इसलिए 6 और 7 नवंबर 2025 को दिल्ली एयरपोर्ट के ऑटोमैटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम (AMSS) में ग्लिच आ गया, जिस वजह से हवाई यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ था.

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2 दिन फ्लाइट्स के संचालन पर पड़ा असर

बता दें कि ऑटोमैटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम (AMSS) एयर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए फ्लाइट प्लान तैयार करता है और वेदर डेटा को प्रोसेस करता है, लेकिन इसके सॉफ्टवेयर में ग्लिच होने से 6 और 7 नवंबर को 500 से ज्यादा फ्लाइट लेट हो गईं और 100 से ज्यादा फ्लाइट कैंसिल करनी पड़ गईं. एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स को फ्लाइट ऑपरेशंस मैनुअल करने पड़े, लेकिन 8 नवंबर की सुबह तक सॉफ्टवेयर को अपडेट कर लिया गया और अब फ्लाइट ऑपरेशन नॉर्मल हैं.

एयरपोर्ट अथॉरिटी से मांगी गई जांच रिपोर्ट

वहीं डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और एयर नेविगेशन सर्विसेज से टेक्निकल ग्लिच पर जांच रिपोर्ट मांग ली है. हालांकि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि सॉफ्टवेयर और पावर सप्लाई में गड़बड़ी के कारण टेक्निकल ग्लिच आया था, लेकिन यह कमी ऑनलाइन सिस्टम के लचीलेपन और बैकअप सिस्टम के फेलियर को उजागर करता है, जिसके कारण आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है.

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जुलाई में क्या चेतावनी दी थी ATC गिल्ड ने?

बता दें कि एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स गिल्ड (ATC Guild) ने जुलाई 2025 में एयरपोर्ट अथॉरिटी को एक लेटर लिखा था, जिसमें ऑटोमेशन सिस्टम की परफॉर्मेंस में गिरावट, स्लो सिस्टम, लेट डेटा कलेक्शन की समस्या के बारे में बताया गया था. साथ ही केंद्रीय मंत्रालय से आग्रह किया था कि ऑटोमेशन सिस्टम को अपग्रेड किया जाए. अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन के मानकों के अनुसार इसे अपग्रेड किया जाना चाहिए. AI सिस्टम और रीयल-टाइम डेटा शेयरिंग जैसी नई सुविधाएं एड करनी चाहिए, लेकिन इस चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया गया, जिसके चलते 2 दिन टेक्निकल ग्लिच झेलना पड़ा?