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Cyclone Montha IMD Alert: चक्रवाती तूफान मोंथा का मतलब क्या? किन राज्यों में भयंकर बारिश की चेतावनी


Cyclone storm Montha IMD Alert: बंगाल की खाड़ी में पैदा हो रहे निम्न दबाव का क्षेत्र पहले 56 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से तेज़ हवाओं के साथ गहरे दवाब के क्षेत्र में बदल जाएगा, फिर यह 65-75 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से चलने वाली हवाओं के साथ चक्रवात मोंथा में बदल जाएगा. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के चेन्नई, तिरुवल्लूर और रानीपेट जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. चक्रवाती तूफान मोंथा का नामकरण थाइलैंड से लिया गया है, वहां इसका मतलब है सुगंधित फूल. इस चक्रवात के आंध्र प्रदेश की ओर बढ़ने का अनुमान है. इसके अलावा मोंथा चक्रवाती तूफान के चलते तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है.

चक्रवाती तूफान को लेकर बोले मौसम विज्ञानी प्रदीप जॉन?

मौसम विज्ञानी प्रदीप जॉन ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि अगर यह निम्न दबाव का क्षेत्र उत्तर की ओर बढ़ता है तो चेन्नई में बहुत ज़्यादा बारिश नहीं होगी. अगर तूफ़ान तमिलनाडु तट से आंध्र प्रदेश की ओर बढ़ता है तो चेन्नई में अनुमानित बाढ़ के बजाय केवल मध्यम बारिश ही होगी. इस स्थिति का मतलब यह भी होगा कि तमिलनाडु के बाकी हिस्सों में व्यापक बारिश नहीं होगी. केरल-कन्याकुमारी और नीलगिरी में केवल छिटपुट बारिश होगी.

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल ने तैयार रखीं टीमें

कैबिनेट सचिव डॉ. टी. वी. सोमनाथन ने आज बंगाल की खाड़ी में संभावित चक्रवात की तैयारी की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (NCMC) की बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में शामिल केंद्रीय मंत्रालयों / विभागों ने समिति को अवगत कराया कि सभी मानक संचालन प्रक्रियाएं (SOPs) लागू कर दी गई हैं, आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और चक्रवात के प्रभाव से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए गए हैं. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने टीमों को तैयार रखा है और 26 अक्टूबर तक उन्हें तैनात किया जाएगा. अतिरिक्त टीमें भी स्टैंडबाय पर रखी गई हैं.

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मछुआरों को दी गई सलाह

मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे 26 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक दक्षिण-पश्चिम एवं मध्य बंगाल की खाड़ी, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश एवं यानम (पुडुचेरी) के तटों के साथ-साथ ओडिशा तट पर समुद्र में न जाएं. जो मछुआरे पहले से समुद्र में हैं, उन्हें तुरंत तट पर लौटने की सलाह दी गई है. बैठक में शामिल केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों ने समिति को बताया कि सभी SOPs लागू हैं, आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं और चक्रवात के प्रभाव से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए सभी आवश्यक सावधानियाँ बरती जा रही हैं.