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‘अटल बिहारी वाजपेयी से कहां टक्कर लूंगा मैं’, पढ़ें दिल्ली BJP नेता VK मल्होत्रा के 6 रोचक किस्से


BJP Leader Vijay Kumar Malhotra Death: दुनिया को अलविदा कह चुके BJP के वरिष्ठ नेता और दिल्ली BJP के पहले अध्यक्ष प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा काफी दिलचस्प और खुशनुमा व्यक्तित्व के इंसान थे. वे राजनेता होने के साथ-साथ प्रोफेसर, खेल प्रशासक और हिंदी साहित्यकार भी थे. साल 1980 से 1984 तक वे दिल्ली BJP के पहले अध्यक्ष रहे. उन्होंने अपना जीवन शिक्षण के साथ-साथ समाज सेवा और राजनीति को समर्पित किया था, इसलिए वीके मल्होत्रा से जुड़े कई ऐसे रोचक किस्से भी हैं, जो सियासत में हमेशा याद रखे जाएंगे और जो उनकी सादगी, हास्यपूर्ण स्वभाव और समर्पण को दर्शाते हैं.

आइए ऐसे ही 6 रोचक किस्से जानते हैं…

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अटल बिहारी वाजपेयी को दिया था रोचक जवाब

विजय कुमार मल्होत्रा का देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से खासा नाता रहा है, क्योंकि एक बार अटल बिहारी ने मजाक करते हुए उनकी तारीफ की तो उन्होंने पलटकर काफी रोचक जवाब दिया था. एक मीटिंग में अटल बिहारी ने कहा कि विजय कुमार मल्होत्रा अगर आप प्रोफेसर न होते तो शायद कवि होते और मेरी कविताओं को टक्कर दे रहे होते तो विजय मल्होत्रा ने जवाब दिया कि आपकी कविताएं तो संसद में बजट से ज्यादा तालियां बटोरती हैं, मैं आपसे कहां टक्कर लूंगा. इस हल्के फुल्के मजाक ने मीटिंग को खुशनुमा बना दिया था और अटल बिहारी उनकी सादगी के कायल हो गए थे.

मनमोहन सिंह की हार पर भी किया था कटाक्ष

विजय कुमार मल्होत्रा ने लोकसभा चुनाव 1999 में दक्षिण दिल्ली से पूर्व वित्त मंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को हराया था. चुनाव जीतने के बाद जब उन्होंने पहली स्पीच तो हल्के-फुल्के अंदाज में कटाक्ष किया कि मैंने तो सिर्फ दिल्ली की जनता की आवाज उठाई थी, लेकिन दिल्ली की जनता ने इतना बड़ा फैसला सुना दिया तो कुछ सोचकर ही सुनाया होगा. यह बात सुनकर मनमोहन सिंह भी हंस पड़े थे.

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चुनावी रैली में स्पीच देते हुए की थी रोचक गलती

1980 के दशक की बात हैं, विजय कुमार मल्होत्रा दिल्ली में एक चुनावी रैली में आए थे. रैली में भाषण देते हुए उन्होंने नारा लगाना था कि कमल खिलेगा, लेकिन वे बोले गए कि कमल खिलेगा, दिल्ली हिलेगी. यह सुनते ही रैली में मौजूद लोग तालियां बजाकर ठहाके लगाते हुए हंसने लंगे. विजय मल्होत्रा ने तुंरत अपनी गलती को मजाकिया अंदाज में सुधारते हुए कहा कि दिल्ली हिलानी ही तो है, लेकिन प्रगति और विकास के लिए.

साइकिल पर जाते थे पार्टी वर्करों से मिलने

विजय कुमार मल्होत्रा जब दिल्ली BJP के अध्यक्ष थे तो वे कार से तो दफ्तर आ जाते थे, लेकिन पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए वे साइकिल पर जाते थे. साइकिल लेकर दिल्ली की गलियों में निकलते थे और वर्करों से मिलकर चाय नाश्ता करते रहते थे. इस दौरान एक वर्कर ने सवाल किया कि अध्यक्ष महोदय, क्या आप साइकिल पर ही संसद जाएंगे? तो उन्होंने ठहाका लगाते हुए जवाब दिया कि साइकिल पर घूमते हुए दिल्ली की जनता के दिल तक पहुंचना आसान है.

चाय के ठेले पर लगाई थी हिंदी की क्लास

विजय कुमार मल्होत्रा दिल्ली यूनिवर्सिटी में हिंदी के प्रोफेसर थे. वे अपनी कक्षाओं में छात्रों के साथ हिंदी साहित्य पर चर्चा करते थे और एक दिन उनका मूड बना कि हिंदी कविताओं का क्लास लगाई जाए. इसके लिए वे पूरी क्लास को लेकर चाय के ठेले पर पहुंच गए और वहां कविताएं सुनाने का दौर चला. इसलिए मल्होत्रा साहब छात्रों में इस बात के लिए मशहूर हो गए थे कि वे चाय की चुस्की के साथ कबीर तक को जिंदा कर देते हैं.