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रांची में स्टूडेंट बना रहा था ISIS के लिए बम, पुलिस ने किया गिरफ्तार


रांची के इस्लामनगर इलाके में स्थित तबारक लॉज से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और झारखंड एटीएस ने अशहर दानिश को गिरफ्तार किया था. 23 वर्षीय दानिश पर कुख्यात आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) से जुड़े होने का आरोप है. दानिश मूल रूप से वह बोकारो का रहने वाला है. उसके साथ रहनेवाले इंटर के छात्र को कभी उस पर कोई शक नहीं हुआ था.

वहीं, अब इस मामले में पुलिस ने जांच और तेज कर दी है. दिल्ली पुलिस और झारखंड एटीएस की टीम दानिश को लेकर रांची और बोकारो पहुंची. यहां टीम ने कई लोगों से पूछताछ की. टीम ने रांची और बोकारो दोनों जगहों पर सीन को रिक्रिएट भी किया, जहां से दानिश को गिरफ्तार किया गया था.

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रांची में लॉज से कुछ कपड़े और अन्य सामान भी जब्त किया. इसके बाद दिल्ली पुलिस दानिश को लेकर वापस दिल्ली के लिए रवाना हो गई.

ATS ने ली दानिश के घर की तलाशी

ATS टीम ने बाकारो के पेटरवार उत्तासारा स्थित दानिश के घर की तलाशी ली. इसके साथ ही टीम ने उत्तासारा में स्थित एक खाद-बीज की दुकान में पूछताछ की. मिली जानकारी के अनुसार, दानिश ने बम बनाने के लिए साल 2024 में पांच किलो पोटेशियम नाइट्रेट और यूरिया खरीदी थी.

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कमरे से बरामद हुआ बम बनाने का सामान

अशरफ की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और झारखंड एटीएस ने रात 2 बजे से ही उसके लॉज की घेराबंदी शुरू कर दी थी. भारी संख्या में जवानों ने लॉज को घेर लिया और अशरफ को उसके कमरा नंबर 15 से गिरफ्तार कर लिया.

उसके कमरे की तलाशी लेने पर जो सामान मिला, वह चौंकाने वाला था. पुलिस को एक देसी कट्टा, एक कारतूस, हाइड्रोलिक एसिड, नाइट्रिक एसिड, सल्फर पाउडर, कॉपर सीट, बाल बियरिंग्स, चार चाकू, 10,500 रुपये नकद, एक लैपटॉप, मोबाइल, वेगिंग मशीन, और सर्किट व मदरबोर्ड जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामान मिले हैं. ये सभी चीजें बम और अन्य हथियार बनाने में इस्तेमाल होती हैं.

नदी में किया जाता था बम का परीक्षण

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दानिश के कमरे से बारूद और बम, साथ ही बड़ी मात्रा में पोटेशियम नाइट्रेट और घर में बने हथियार बरामद किए गए. विस्फोटक इसी कमरे में बनाए जाते थे और फिर सुवर्णरेखा नदी के पानी में विस्फोट करके उनका परीक्षण किया जाता था.

पोटेशियम नाइट्रेट, जिसे साल्टपीटर भी कहा जाता है, एक रासायनिक यौगिक है जो उर्वरकों में भी पाया जाता है और बारूद बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यह एक सफेद क्रिस्टलीय पाउडर है, जो सांस लेने या निगलने पर हानिकारक हो सकता है.

सूत्रों ने बताया कि कमरे से विभिन्न आकार और तीव्रता के विस्फोटक बरामद किए गए हैं.

कमरा नं. 15 से की जाती थी भर्ती

जिस कमरे में दानिश बम बना रहा था उसकी संख्या कमरा नं. 15 थी, लेकिन ये कमरा सिर्फ बनाने की ही जगह नहीं थी इस कमरे से दूसरे लोगों की भर्ती भी की जाती थी.

सूत्रों ने बताया कि दानिश, जो पिछले साल किसी समय यहां रहने आया था, को भी सोशल मीडिया के जरिए काम करने वाले एक पाकिस्तानी हैंडलर ने भर्ती किया और कट्टरपंथी बनाया, जिसके बाद उसने भी लोगों को भर्ती करना शुरू कर दिया.

सूत्रों ने बताया कि यह भर्ती और कट्टरपंथीकरण का ज़्यादातर काम सिग्नल मैसेजिंग ऐप के जरिए किया गया था, जो एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन प्रदान करने वाले कई ऐप में से एक है. जो कुछ चल रहा था उसे छिपाने के लिए ‘इंटर्न इंटरव्यू’ या ‘बिजनेस आइडिया’ जैसे साधारण नामों से कई समूह बनाए गए थे.