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‘राहुल गांधी के सवालों का जवाब दे चुनाव आयोग’ आप नेता सौरभ भारद्वाज ने साधा निशाना


आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने चुनाव आयोग पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि दिल्ली का चुनाव हुए 6 महीने बीत चुके हैं और पिछले 6 महीने से दिल्ली का हर एक व्यक्ति इस बात से परेशान है, कि जब हर जगह यह चर्चा थी कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनना तय है, तो आखिर भाजपा की जीत कैसे हुई? उन्होंने कहा कि कल राहुल गांधी जी द्वारा प्रेस वार्ता के माध्यम से वोटर लिस्ट में गड़बड़ी करने का मामला उठाया गया जिससे एक बार फिर पूरे देश के लोगों का ध्यान इस बात की ओर आकर्षित हुआ है।

2 महीने पहले आप ने उठाया था ये मुद्दा

आप नेता ने कहा कि राहुल गांधी ने अपनी प्रेसवार्ता में दिल्ली में वोटर लिस्ट में हुई गड़बड़ी का जिक्र नहीं किया। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज कांग्रेस जो मुद्दा उठा रही है, आप सभी को याद होगा कि चुनाव से दो महीने पहले दिसंबर और जनवरी के महीने में आम आदमी पार्टी के बड़े-बड़े नेताओं ने खुद अरविंद केजरीवाल ने तथ्यों के साथ प्रेस वार्ता कर मीडिया में इस बात को उजागर किया था, कि किस प्रकार से पूरी दिल्ली की अलग-अलग विधानसभाओं में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी करने का काम किया जा रहा है। सौरभ भारद्वाज ने अरविंद केजरीवाल द्वारा 29 दिसंबर को की गई प्रेस वार्ता का हवाला देते हुए कहा, कि अरविंद केजरीवाल ने अपनी प्रेस वार्ता में बताया था, कि किस प्रकार से बीएलओ द्वारा पूरे क्षेत्र में घर-घर जाकर सर्वे करने के बाद जब नहीं वोटर लिस्ट जारी कर दी गई।

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प्रवेश वर्मा के पते पर 33 नए वोट बनाने की एप्लीकेशन दी

उस दौरान कुछ संदिग्ध लोग जो की एक ही विशेष पार्टी से जुड़े हुए थे उनके द्वारा लगातार नई दिल्ली विधानसभा में रोजाना अलग-अलग जगह पर से कहीं हजार वोट तो कहीं 800 वोट तो कहीं 500 वोट काटने की अर्जी दी गई। एक आंकड़ा देते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 15 दिसंबर से लेकर 29 दिसंबर 2024 के बीच कुल 14 दिनों में नई दिल्ली विधानसभा में से लगभग 5000 वोट काटने के लिए और लगभग 7500 नए वोट बनाने के लिए इस प्रकार की अर्जी इलेक्शन कमीशन को दी गई। नए वोट बनाने के मामले में एक बड़ा खुलासा करते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि खुद प्रवेश वर्मा जो इस विधानसभा से चुनाव लड़ रहे थे उनके सरकारी आवास के पते से नए 33 वोट बनाने की एप्लीकेशन दी गई।

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आप नेताओं ने इस मुद्दे का लगातार उठाया

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि लगातार इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी की तरफ से आवाज उठाई जा रही थी परंतु सरकार की ओर से तथा चुनाव आयोग की ओर से किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई। एक अन्य प्रेस वार्ता का हवाला देते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 6 जनवरी 2025 को भी इस संबंध में हमारे पार्टी के बड़े नेता संजय सिंह, आतिश और राघव चड्ढा ने एक सांझा प्रेस वार्ता कर इस मुद्दे को उठाया।

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अर्जियां देकर कराई गए वोट डिलीट

उन्होंने बताया कि इस प्रेस वार्ता के माध्यम से भी यह जानकारी सार्वजनिक की गई कि 15 दिसंबर 2024 से लेकर 2 जनवरी 2025 के बीच में कुछ खास चुनिंदा लोगों के द्वारा 10500 नए वोट बनाने के लिए और लगभग 6000 वोट डिलीट करने के लिए अर्जियां दी गई। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इसमें खास बात यह है, कि यह अर्जियां उनके द्वारा अपना वोट डिलीट करने के लिए नहीं बल्कि दूसरों के वोट डिलीट करने और नए वोट बनाने के संबंध में दी गई। इस संबंध में एक उदाहरण देते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि लगभग 4283 वोट काटने की अर्जी मात्र 84 लोगों द्वारा दी गई।

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चुनाव आयोग से की शिकायत

इस पूरे प्रकरण में एक बड़ा ही चौंकाने वाला खुलासा करते हुए सौरभ भारद्वाज ने बताया कि जब हमने चुनाव आयोग से इस बात की अपील करी कि यह कौन लोग हैं जो इस प्रकार से लोगों के वोट काटने की और नए वोट बनाने की अर्जियां लगातार दे रहे हैं, इसकी जांच की जाए। उन्होंने कहा कि जब चुनाव आयोग ने इन लोगों को जांच के लिए बुलाया। पूछताछ करने पर पता चला कि इन लोगों ने बताया कि उनके द्वारा ऐसी कोई भी अर्जी नहीं दी गई है और इस बारे में उन लोगों को कोई जानकारी ही नहीं है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि किसी दूसरे व्यक्ति के नाम से अर्जी डालकर किसी तीसरे व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट से कटवाना यह तो कानून अपराध है। उन्होंने बताया कि हमने इस संबंध में जांच के लिए चुनाव आयोग को लिखित में अर्जी दी।

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चुनाव आयोग ने क्या कार्रवाई की?

सौरभ भारद्वाज ने बताया कि हम चुनाव आयोग से जानना चाहते हैं की जनवरी से लेकर अब तक हमारी उस शिकायत पर चुनाव आयोग ने क्या कार्रवाई की? इस संबंध में कुछ अन्य आंकड़े मीडिया के समक्ष प्रस्तुत करते हुए सौरभ भारद्वाज ने बताया की इसी श्रृंखला में शाहदरा में एक आदमी द्वारा भाजपा के लेटर हेड पर 11018 वोट काटने की अर्जी दी गई। जनकपुरी में 24 लोगों द्वारा लगभग 4874 वोट काटने की अर्जी दी गई और इसी प्रकार करवाल नगर में 2 अर्जियों के माध्यम से 3260 वोट काटने की अपील करी गई।

कांग्रेस ने इस मुद्दे को गंभीरता से क्यों नहीं लिया?

इस पूरे प्रकरण पर कांग्रेस के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि जब जनवरी के महीने में आम आदमी पार्टी के नेता इस संबंध में प्रेस वार्ता कर आवाज उठा रहे थे, तो कांग्रेस भी दिल्ली का चुनाव लड़ रही थी, उस समय राहुल गांधी ने और कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को गंभीरता से क्यों नहीं लिया? क्यों नहीं वोटर लिस्ट में हो रहे फर्जीवाड़े के विरुद्ध आवाज उठाई?

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क्या दिल्ली इस देश का हिस्सा नहीं?

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस इस देश में इंडिया गठबंधन का नेतृत्व कर रही थी। जिस समय दिल्ली के चुनाव थे हम भी इंडिया गठबंधन का हिस्सा थे, परंतु इस बात से दुख होता है, कि जब अरविंद केजरीवाल जनवरी के महीने में वोटर लिस्ट में हो रहे फर्जीवाड़े के खिलाफ आवाज उठा रहे थे, तो कांग्रेस बीजेपी की गोद में बैठी हुई थी। उन्होंने कहा कि कल राहुल गांधी ने प्रेस वार्ता कर इस मुद्दे को उठाया, यह बहुत अच्छी बात है, परंतु कल भी राहुल गांधी ने अपनी प्रेस वार्ता में महाराष्ट्र का नाम लिया, हरियाणा का नाम लिया, कर्नाटक का नाम लिया परंतु दिल्ली को कल भी भूल गए। क्या दिल्ली इस देश का हिस्सा नहीं है।

चुनाव आयोग दे जवाब

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब कांग्रेस की ओर से इस प्रकार का रवैया अपनाया जाता है तो ऐसा प्रतीत होता है, कि कांग्रेस लड़ाई तो लड़ना चाहती है, परंतु केवल अपनी लड़ाई लड़ना चाहती है। कांग्रेस विपक्ष की लड़ाई नहीं लड़ना चाहती, इस देश की लड़ाई नहीं लड़ना चाहती, लोकतंत्र की लड़ाई नहीं लड़ना चाहती और ऐसा करने से यह लड़ाई कमजोर होती है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हम इस बात का समर्थन करते हैं, कि राहुल गांधी ने तथ्यों के साथ जो शिकायत चुनाव आयोग के समक्ष की है, चुनाव आयोग को भी उसका तथ्यात्मक रूप से जवाब देना चाहिए।

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BJP प्रकोष्ठ के रूप में काम कर रहा है चुनाव आयोग

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि चुनाव आयोग का यह कहना की एफिडेविट पर शिकायत दीजिए बिल्कुल गलत है। क्योंकि यदि एफिडेविट पर ही शिकायत ली जाती है, तो चुनाव आयोग को भाजपा के नेता विजेंद्र गुप्ता और भाजपा के उपराज्यपाल द्वारा जो आम आदमी पार्टी और पार्टी के नेताओं के खिलाफ लगातार शिकायतें की जाती रही हैं, वह भी एफिडेविट पर लेनी चाहिए थी, ताकि शिकायतों में सच्चाई ना निकलने पर हम उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर पाते। उन्होंने कहा की चुनाव आयोग को यह दोहरा रवैया नहीं अपनाना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी के एक प्रकोष्ठ के रूप में दिखाई दे रहा है एक संवैधानिक पद पर बैठे हुए पदाधिकारी नजर नहीं आ रहे हैं।