52 सेकेंड में 21 राउंड फायर, 1982 से भारतीय सेना के पास, ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब लाल किले में सुनाई देगी धमक
Independence Day 2025: भारत 15 अगस्त को देश की आजादी का जश्न मनाने जा रहा है। इसको देखते हुए दिल्ली में जगह-जगह पर सुरक्षा भी सख्त कर दी गई है।15 तारीख को लाल किले से प्रधानमंत्री भाषण देंगे। इसके लिए पीएम ने जनता से कुछ सुझाव भी मांगे हैं। लाल किले में होने वाले प्रोग्राम्स की तैयारियां तेजी के साथ की जा रही हैं। हाल ही में जवानों ने उस गन से प्रैक्टिस की जिसका इस्तेमाल ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल किया गया था। अब भारतीय 105 MM गन की धमक लाल किले पर सुनी जाएगी। जानिए इसकी खासियत क्या है?
ऑपरेशन सिंदूर के बाद लाल किले पर
देश में स्वतंत्रता दिवस की तैयारियां पूरे जोश के साथ शुरू हो चुकी हैं। भारत ने कुछ दिन पहले ही ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। इसमें गरजी भारतीय 105 MM गन को फिर से लाल किले में इस्तमाल किया जाएगा। तोपों की सलामी देने की तैयारी पूरी हो चुकी है। पिछले 3 साल से हर स्वतंत्रता दिवस समारोह में इन्हीं से सलामी दी जाती है। इस बार भी लाईट फील्ड गन से 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। झंडा फहराने के दौरान 52 सेकेंड में करीब 21 राउंड फायर किया जाएगा।
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सेना जवानों ने 15 अगस्त के लिए अभ्यास शुरू कर दिया है। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में गरजी भारतीय 105 MM गन से जवानों ने प्रैक्टिस की है। pic.twitter.com/kTkgvQtpZ6
—विज्ञापन—— Shabnaz Khanam (@ShabnazKhanam) August 6, 2025
क्या है इसकी खासियत?
यह भारत की स्वेदशी गन है। इसके दो वेरियंट हैं, जिसमें पहला इंडियन फील्ड गन और दूसरा लाइट फील्ड गन है। लाइट फील्ड गन वजन में इंडियन फील्ड से हल्की होती है। इसे हेलिकॉप्टर में रखकर बहुत ही आसानी से किसी भी इलाके में तैनात कर सकते हैं। इसकी क्षमता 16 से 20 किलोमीटर तक है। साथ ही एक मिनट में 6 राउंड फायर करने की क्षमता रखती है। भारतीय सेना के पास यह 1982 से है। इसका निर्माण ऑर्डिनेन्स फैक्ट्री बोर्ड ने किया था। आपरेशन सिंदूर में भी इसका इस्तेमाल किया जा चुका है।
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