एक तरफ अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ को लेकर उठापटक चल रही है, दूसरी तरफ दिल्ली में बैठकर अमेरिका से 100 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। मामले का खुलासा तब हुआ जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के कॉल सेटरों पर छापेमारी की। ईडी ने गुरुवार देर शाम खानपुर इलाके में तीन जगहों कॉल सेंटर्स की तलाशी ली। ईडी की देर रात शुरू 10.30 बजे हुआ तलाशी अभियान अभी तक जारी है। एक कॉल सेंटर्स से इस अंतरराष्ट्रीय ठगी का खुलासा हुआ। ईडी ने मौके से 100 करोड़ रुपये की विदेशी रुपयों का लेनदेन भी पकड़ा है। हालांकि अभी हिरासत में लिए लोगों की संख्या और नाम सामने नहीं आया है।
ऐसे करते थे ठगी
ईडी ने बताया कि ठग विदेशी नागरिकों में खासकर अमेरिका के नागरिकों को अपना निशाना बनाते थे। ठग माइक्रोसॉफ्ट, विंडोज जैसी बड़ी कंपनियों के असली सॉफ्टवेयर के नाम पर पायरेटेट सॉफ्टवेयर बेचते थे।
2016 से कर रहे थे ठगी
ईडी की जांच में पता चला कि ठग साल 2016 से यह काम कर रहे हैं। इस साल तक आरोपियों के पास से 100 करोड़ रुपये की विदेश ऑनलाइन ट्रांजक्शन मिली है। ईडी ने बताया कि ईडी अब धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत इस रकम और सोर्स की पता किया जा रहा है।
7 साल पहले ठगी ने निकला था अमेरिका कनेक्शन
जयपुर पुलिस ने 7 साल पहले एक मामले का खुलासा किया था। इसमें एक गिरोह व्यक्ति की ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर आदि जुटाता था। यह डाटा जुटाने के लिए अमेरिका की कंपनियों को रिश्वत देते थे। आरोपियों ने महारानी फार्म में एक कॉल सेंटर खोला था। आरोपी ईमेल पर लोन की किश्त कमा कराने और कम समय में अधिक पैसा कमाने का ऑफर भेजता था। केस में आरोपी नितिन को गिरफ्तार किया था।